ग्रामीणों ने किया विरोध, बोले बाढ़ को नहीं झेल पायेंगे घटिया तटबंध
शमशाबाद, समृद्धि न्यूज। ढाईघाट शमसाबाद की गंगा नदी जहां आसपास क्षेत्र में बसे कई गांव के लोग हर वर्ष बाढ़ की विभीषिका के शिकार हो जाते हैं। गंगा में आने वाली बाढ़ से हर वर्ष सैकड़ों लोग घर से बेघर तो होते ही है, साथ ही यहां के लोगों की कृषि योग्य भूमि भी बर्बाद हो जाती है। लोग जानमाल की सुरक्षा के लिए सडक़ों के किनारे डेरा जमाकर जीवन यापन करने को मजबूर होते हैं। कटरी क्षेत्र के लोगों का कहना है क्षेत्र में आने वाली बाढ़ जब तबाही लेकर आती है तो लोगों को हर तरह से बर्बाद कर देती। मेहनत मजदूरी का जरिया भी खत्म हो जाता। मजबूरन लोग सडक़ों पर आ जाते हैं। बच्चों की शिक्षण व्यवस्था भी ठप्प जाती है। हालांकि सरकार का प्रयास है गंगा में बाढ़ से होने वाली तबाही को रोका जाये। इसके लिए यहां शासन द्वारा सिंचाई विभाग के माध्यम से लाखों रुपए की कीमत से तटबंध बनाए जाने का भी काम जारी है, लेकिन लोग यहां बनाए जा रहे तटबंधों की गुणवत्ता से खुश नहीं हैं। लोग घटिया निर्माण का आरोप लगा रहे हैं।
विकास खंड शमसाबाद क्षेत्र की गंगा कटरी के गांव समैचीपुर चितार निवासी सलमान अहमद, रिहाना अफसर, आजाद, अरबाज, शहरूम, नगमा, असीम, तालीम, सुभाष बेगम तथा जावेद सहित दर्जनों ग्रामीणों ने यहां के जन प्रतिनिधियों की लापरवाही पर अफसोस जताते हुए कहा इस क्षेत्र में हर वर्ष बाढ़ से बर्बादी होती है। बुरे वक्त में कोई नजऱ नहीं आता है। बाढ़ प्रभावित लोगों को सिर्फ भगवान भरोसे समय गुजारना पड़ता है। ग्रामीणों का सुझाव है जो तटबंध बनाए जा रहे वह पर्याप्त नहीं, बल्कि घटिया हैं। बाढ़ से होने वाली बर्बादी को वास्तविक रुप से रोकना है तो इसके लिए गंगा पुल से समैचीपुर चितार तक पक्का बांध बनवाया जाए, तभी बर्बादी को रोका जा सकता अन्यथा की स्थिति में हर वर्ष कटरी क्षेत्र के लोग बाढ़ की विभीषिका के शिकार होते रहेंगे। लोगों का कहना है बाढ़ के समय हालात इतने खराब हो जाते कि लोगों को घर बार तो छोडऩा ही पड़ता है। घर गृहस्थी का सारा सामान भी बाढ़ की आगोश में समा जाता है। कभी-कभी बाढ़ के सैलाब में लोगों को अपनी जान भी गवानी पड़ती है। ग्रामीणों ने क्षेत्रीय प्रधान जनप्रतिनिधि पर भी लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा अधिकारियों से मिलकर मनमाने तरीके से कार्य कराया जा रहा, जो टिकाऊ नहीं। ग्रामीणों ने शासन तथा प्रशासन से बाढ़ की तबाही को रोके जाने के लिए पक्का बांध बनवाए जाने की मांग की है।