फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। सुन्दर मकान बनाने के लिए जैसे अच्छे मिस्त्री की आवश्यकता होती है, वैसे ही घर को बनाने के लिए सुयोग्य स्त्री की आवश्यकता होती है। मानस विचार समिति के बैनर तले डा0 रामबाबू पाठक के संयोजन मे पंडा बाग के सत्संग भवन में चल रहे मानस सम्मेलन के पांचवे दिन हमीरपुर से पधारी मानस कोकिला किरन भारती ने सुमित्रा चरित्र पर कहा कि सुंदर मकान बनाने के लिए अच्छे मिस्त्री की आवश्यकता होती है, वैसे ही घर बनाने के लिए सुयोग्य स्त्री की आवश्यकता होती है। जब श्रीराम को वनवास हुआ, तो लक्ष्मण ने भी साथ वन जाने की जिद की। इस पर श्रीराम ने लक्ष्मण से सुमित्रा माता से अनुमति लेने को कहा। सुमित्रा माता से अनुमति मांगने पर माता ने लक्ष्मण से कहा कि श्रीराम सीता तुम्हारे माता पिता है। उनकी वन जाकर पूरी सेवा करना। पहले श्रीराम सीता को भोजन कराना, बच जाय तब तुम भोजन करना। जब लक्ष्मण ने वन जाने का कारण पूछा तो श्रीराम ने बताया कि धरती पर राक्षसों का भार बहुत बढ़ गया है, राक्षसों को मारकर धरती का भार कम करना है। यह सुमित्रा माता के चरित्र की विशेषता है। कथा में पीलाराम शर्मा, संयोजक डा0 रामबाबू पाठक ने प्रवचन करते हुए कथा सुनाई। तबले पर संगत नंदकिशोर पाठक ने की। संचालन पंडित रामेंद्र मिश्रा ने किया ।इस मौके पर ज्योतिस्वरूप अग्निहोत्री, सुरजीत पाठक उर्फ बंटू, प्रमोद दीक्षित, रोहित राजपूत, रामवरण दीक्षित, सर्वेश कुमार अवस्थी, सदानंद शुक्ला, ब्रजकिशोर सिंह किशोर, समाजसेवी संजय गर्ग, विशेष पाठक, अपूर्व, अद्भुत, वरुण, विकास, अभिषेक, अलम्या, विजय लक्ष्मी पाठक, मांडवी पाठक, शशि रस्तोगी, रजनी लौगानी आदि मानस श्रोता मौजूद रहे।