कनाडा में हिंदुओं की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है. वहां उन्हें लगातार निशाना बनाया जा रहा है. ताजा मामला ब्रैम्पटन का है, जहां खालिस्तानियों ने ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर और वहां मौजूद भक्तों पर हमला कर दिया. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस घटना की निंदा की है. उन्होंने कहा कि ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर में हुई हिंसा की घटनाएं अस्वीकार्य हैं. उन्होंने कहा कि कनाडा में रहने वाले सभी नागरिक अपनी धार्मिक आस्था को मानने के लिए स्वतंत्र हैं. मैं हिंदू समुदाय की सुरक्षा और इस घटना की जांच के लिए त्वरित प्रतिक्रिया देने के लिए पील क्षेत्रीय पुलिस को धन्यवाद देता हूं. कनाडा सरकार द्वारा भारत के खिलाफ जहर उगलने के बाद वहां खालिस्तानियों का भी मनोबल काफी बढ़ गया है। बीते दिन कनाडा के ब्रैम्पटन में खालिस्तानियों का आतंक देखने को मिला। ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर के बाहर खालिस्तान समर्थकों के भयंकर उत्पात मचाया। खालिस्तान समर्थकों के विरोध प्रदर्शन के दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने कुछ लोगों पर लाठियों से हमला किया और मंदिर के मैदान में भी घुस गए। कनाडा के हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ और हमले की यह कोई पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी इस तरह के कई मामले आए हैं. कनाडा में हिंदू मंदिरों को बार-बार टारगेट किया जा रहा है. मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है. मंदिरों के दीवारों पर कभी भारत विरोधी नारे तो कभी कुछ लिख दिया जाता है. खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की मौत के बाद कनाडा में खालिस्तान समर्थकों ने इस तरह की गतिविधियां बढ़ा दी हैं. निज्जर की जून 2023 में ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में गोली मारकर हत्या दी गई थी. इस साल जुलाई में एडमॉन्टन में हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की गई थी. पिछले साल भी कनाडा में हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ के कई मामले सामने आए. लक्ष्मी नारायण मंदिर को निशाना बनाया गया. उसके गेट और पीछे की दिवार पर भारत विरोधी और खालिस्तान समर्थक पोस्टर चिपका दिए गए. इस पर हरदीप सिंह निज्जर की तस्वीर भी लगी थी. सरे का लक्ष्मी नारायण मंदिर ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत का सबसे पुराना और सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है.
खालिस्तानियों ने रेड लाइन क्रॉस कर दी- चंद्रा आर्या
वहीं, नेपियन के सांसद चंद्रा आर्या ने इस घटना की कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि आज खालिस्तानी समर्थकों ने रेड लाइन क्रॉस कर दी. हिंदू सभा मंदिर के अंदर हिंदू-कनाडाई भक्तों पर हमला यह दिखाता है कि कनाडा में खालिस्तानी उग्रवाद कितना गहरा हो गया है. खालिस्तानियों ने हमारी कानून एजेंसियों में पूरी तरह से घुसपैठ कर ली है. उन्होंने कहा कि ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ के नाम पर खालिस्तानी चरमपंथियों को कनाडा में खुली छूट मिल रही है. मैं लंबे समय से कह रहा हूं, हमारे समुदाय की सुरक्षा के लिए हिंदू-कनाडाई लोगों को आगे आकर अपने अधिकारों का दावा करना होगा और राजनेताओं को जवाबदेह बनाना होगा.