फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। आरती पत्नी उदय प्रताप उर्फ भइया निवासी बदनपुर ने पुलिस अधीक्षक को दिये शिकायती पत्र में दर्शाया कि 20 मार्च को उन्होंने ने रकवे का 1/2 भाग का बैनामा कराया था। जिसका दाखिल खारिज के बाद संदीप पुत्र हरिकृष्ण, उदय प्रताप उर्फ भइया अजय प्रताप पुत्रगण हरिकृष्ण, हरिकृष्ण पुत्र देवी सिंह निवासी नूरपुर थाना मऊदरवाजा ने षड्यंत्र के तहत कूटरचित वसीयत 5 नवम्बर 1976 में अपने मित्र महराज हुसैन उर्फ बबलू पुत्र अखलाख हुसैन निवासी घेरश्यामू खां के सहयेाग से तैयार कराकर वसीयत को कैलाश चन्द्र सक्सेना एडवोकेट के हस्ताक्षर से लिखा जाना दर्शाया है। जबकि लेखक की मृत्यु कई वर्ष हो चुकी है। उनके पुत्र प्रिंस सक्सेना उक्त वसीयत की छाया प्रति दिखायी तो बताया कि मेरे पिता जी के हस्ताक्षर नहीं है। जालसाजी कर वसीयत में अखलाख हुसैन पुत्र मकबूल हुसैन, अनवर वख्त पुत्र अलाउद्दीन, मृतक गवाह बनाये है। पुलिस अधीक्षक के आदेश पर थाना मऊदरवाजा पुलिस ने उपरोक्त पांचों लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल शुरु कर दी।