फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। राष्ट्रवादी विचारधारा के प्रखर प्रवक्ता विश्व हिन्दू परिषद के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष हिन्दुत्व कुछ पताका लहराने वाले और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े वरिष्ठ साहित्यकार डा0 ब्रम्हदत्त अवस्थी का सोमवार को सुबह 10:30 पर लखनऊ के अपोलो अस्पताल में निधन हो गया। 91 वर्षीय अवस्थी ने अपने जीवनकाल में विभिन्न आंदोलनों में सक्रिय भूमिका निभाई और समाज को अपने साहित्य और विचारों से निरंतर प्रेरित किया। उनके निधन से न केवल साहित्यिक जगत बल्कि राष्ट्रवादी आंदोलन से जुड़े सभी लोगों में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके पुत्र भाजपा नेता प्रभात अवस्थी ने जानकारी दी। ब्रह्मदत्त अवस्थी संघ से दशकों से जुड़े हुए थे। उन्होंने संघ के कई महत्वपूर्ण आंदोलनों में अग्रणी भूमिका निभाई। जिसमें अयोध्या आंन्दोलन प्रमुख रहा। राम जन्मभूमि मुक्ति के लिए किए गए संघर्षों में उनकी भागीदारी महत्वपूर्ण रही। वे सदैव राम के आदर्शों को अपने जीवन में उतारने वाले व्यक्ति के रूप में पहचाने जाते रहे। डा0 अवस्थी ने हिंदी साहित्य में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने राष्ट्रवादी और सामाजिक मुद्दों पर कई पुस्तकें लिखी। जिनमें उनकी प्रसिद्ध पुस्तकें राम राज्य का संकल्प और संघ का संघर्ष आज भी संघ के प्रेरित करने का कार्य किया। उन्होंने अपनी अंतिम सांस तक रक्ष निर्माण के कार्य में खुद को समर्पित रखा। कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। उनकी लेखनी में सदैव देशप्रेम, धर्मनिष्ठ और स्वमाजिक चेतना की झलक देखने को मिलती थी। स्वहित्य जगत में उन्हें एक मनीषी के रूप में जाना जाता था। समाज में युवाओं को उनके आकस्मिक निधन की सूचना मिलते ही संघ परिवार, साहित्य जगत और उनके अनुयायियों में गहरा शोक फैल गया है। संघ व भाजपा नेताओं एवं साहित्यकारों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और महान आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। व्यापारी नेता संजय गर्ग, भाजपा जिलाध्यक्ष रुपेश गुप्ता, शिक्षक आलोक बिहारी शुक्ला, दिलीप कश्यप, राजेश पाठक, मुनीष चन्द्र मिश्रा, रामसनेही यादव मुन्ना, जवाहर सिंह गंगवार, अनिल प्रताप सिंह, भूपेन्द्र प्रताप सिंह, डा0 रजनी सरीन, बबिता पाठक आदि लोगों ने शोक संवेदना व्यक्त की।