अधिवक्ताओं में दौड़ी शोक की लहर, दो दिन अधिवक्ता न्यायिक कार्य से रहेंगे विरत
सूत्रों के अनुसार दिल का दौरा पडऩे से हुई मौत, वर्तमान महासचिव ने की शोकसभा
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव संजीव पारिया की शाहजहांपुर जेल में बीती रात दिल का दौरा पडऩे से मौत हो गयी। उनकी मौत का समाचार मिलने से अधिवक्ताओं में शोक की लहर दौड़ गयी। बार एसोसिएशन के महासचिव नरेश सिंह यादव एडवोकेट ने शोकसभा का आयोजन कर मृत आत्म की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। साथ ही दो दिन अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे।
जानकारी के अनुसार राजीव बाजपेयी एडवोकेट ने जानलेवा हमले में संजीव पारिया के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। जिस पर संजीव पारिया की दीपावली के एक दो दिन बाद गिरफ्तारी हुई थी। इसके बाद तो मुकदमों की झड़ी लगती रही। बीते कुछ माह पूर्व कोतवाली फतेहगढ़ प्रभारी ने समाज विरोधी क्रया कलाप निवारण अधिनियम 1986 के तहत अनुपम दुबे, संजीव परिया, शिवप्रताप उर्फ चीनू के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करवाया था। उक्त मुकदमे में संजीव परिया की जमानत याचिका मंजूर हो गयी थी। जिसमे एक-एक लाख के बंध पत्र के साथ रिहाई परवान शाहजहांपुर जेल भेजा गया था। संजीव परिया की गैंगेस्टर के मामले में जमानत याचिका उच्च न्यायालय इलाहाबाद से मंजूर हो गयी थी। इसके बाद कोतवाली फतेहगढ़ दुर्गा कॉलोनी व स्थाई पता तलैया लेन निवासी सुनील कुमार बिसरिया पुत्र स्व श्यामस्वरूप बिसरिया ने पुलिस को दी गयी तहरीर में बताया कि मैं अपनी माँ कमला बिसरिया को लेकर ०7.11.2023 कोषागार फतेहगढ़ में जीवन प्रमाण पत्र देकर वापस आ रहा था, तभी रास्ते मे संजीव परिया अपने 3 से 4 अज्ञात साथियों के साथ मिल गए। अपने कचहरी स्थित चेम्बर में ले गए और अंदर बैठा लिया। मेरा मकान के बावत जिला न्यायालय व उच्च न्यायालय इलाहाबाद में मुकदमा विचारधीन चल रहे थे। उन मुकदमों को निपटाने के लिए 25 लाख रुपये की मांग की और कहा सभी विवाद निपटा लेंगे, नहीं तो जमीन से भी जाओगे और जान से भी। इससे मेरी माँ डर गई और 5 लाख व 3 लाख रुपये दिये थे। वादी की तहरीर पर कोतवाली फतेहगढ़ पुलिस ने गैंगेस्टर का मुकदमा दर्ज करवाया था। वहीं सुनील कुमार बिसरिया ने अपहरण व रंगदारी का मुकदमा दर्ज करवाया है। नि सभी मुकदमों में जमानत मंजूर हो गई थी। उसके बाद कुछ दिनों बाद फतेहगढ़ निवासी विनोद गुप्ता ने एक मुकदमा दर्ज करवाया था उसमे जमानत अभी तक मंजूर नहीं थी। बताते चले कि संजीव पारिया पांच बार बार एसोसिएशन के महासचिव रहे हैं। जिसमें सबसे पहले वर्ष 2003, 2006, 2009, 2013 व वर्ष 2018 में रहे।