नव प्रवेशितों को अच्छा चिकित्सक बनने के सिखाए गए गुर

*ट्रांजिसनल कार्यक्रम के तहत छात्र-छात्राओं ने किया क्रिया शारीर व रोग निदान विभाग का भ्रमण
*व्यक्तित्व को निखारने के लिए के लिए व्यक्ति निर्माण सम्बन्धी मोटीवेशनल क्लास का आयोजन

फर्रुखाबाद समृद्धि न्यूज। फर्रुखाबाद में आयुर्वेद विज्ञान के एकमात्र प्रतिष्ठित महाविद्यालय मेजर एस.डी. सिंह पी.जी. आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में नवप्रवेशित बी.ए.एम.एस. बैच 2022 के छात्र-छात्राओं ने आज दूसरे दिन एक नई दुनियां में कदम रखा। कार्यक्रम के दूसरे दिन नवप्रवेशितों को अच्छा चिकित्सक बनने के गुर सिखाए गए और आयुर्वेद के ज्ञान के साथ संस्कृत और अंग्रेजी भाषा से सम्बन्धित सूक्ष्म और महत्वपूर्ण जानकारियां दी गईं।
ट्रांजिशनल कार्यक्रम के दूसरे दिन शनिवार को प्रातः 9 बजे से संस्कृत के शिक्षक डॉ. अरिमर्दन सिंह ने संस्कृत का व्यवहारिक ज्ञान देते हुए बताया कि अगर आयुर्वेद को समझना है तो संस्कृत को पहले समझना होगा। संस्कृत कठिन विषय नहीं है, जिसे संस्कृत का ज्ञान नहीं है उसके लिए संस्कृत कठिन हो सकती है, लेकिन जानकार के लिए संस्कृत बहुत उपयोगी और सरल भाषा है। उन्होंने कहा कि आप लोग संस्कृत सीखने का जज्बा अपने अंदर रखिए उसे सिखाने की जिम्मेदारी हमारी है। कुछ ही समय बाद अहसास होगा कि संस्कृत बहुत ही आसान है। डॉ. अरिमर्दन सिंह ने कहा कि संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है। सबसे प्राचीन भाषा संस्कृत ही है। आयुर्वेद का इतिहास संस्कृत में ही लिखा गया है, इसलिए आयुर्वेद को अगर जानना है तो संस्कृत को जानना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि हालांकि अब तो आयुर्वेद का कई भाषाओं में अनुवाद हो गया है, लेकिन आयुर्वेद को संस्कृत में पढ़ने और समझने का आनन्द ही कुछ और है। इससे आपको ऋषि मुनि वाली भारतीय संस्कृति की अनुभूति होगी। इससे पूर्व छात्र-छात्राओं के ज्ञान को परखने के लिए 30 प्रश्नों की एक छोटी सी प्रारंभिक परीक्षा भी आयोजित की गई। जिसमें आयुर्वेद और उससे सम्बन्धित प्रश्नों को पूछकर विद्यार्थियों के प्रारंभिक ज्ञान को परखा गया।
इसीक्रम में साईंमीर ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन की एच.आर. मैनेजर प्रीती रस्तोगी ने व्यक्तित्व निर्माण से सम्बन्धित मोटीवेशनल क्लास ली। नवप्रवेशितों ने इस कक्षा को खूब इंज्वाय किया और अपने दिमाग में उपजे प्रश्नों को उठाकर महत्वपूर्ण जानकारी हासिल की। प्रीती रस्तोगी ने अपने व्याख्यान में पर्सनालिटी डवलेपमेंट के बारे में विस्तार से छात्र-छात्राओं को जानकारी दी। अंग्रेजी बोलने में अंग्रेजी के शब्दों का सही उच्चारण करना आना बहुत जरूरी होता है। उन्होंने कहा कि आपके प्रोफेशन में पर्सनॉलिटी का बहुत महत्व होता है, उन्होंने विद्यार्थियों से सवाल किया कि पर्सनॉलिटी को आप किस रूप् में देखते हुए, जिस पर विद्यार्थियों ने अपने अपने विवेक से उत्तर दिए और अनेक प्रश्न पूछकर अपनी जिज्ञासा शांत की।
क्रिया शरीर की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. अंजना दीक्षित ने नव प्रवेशित छात्र-छात्राओं को क्रिया शारीर विभाग और उसके अन्तर्गत आने वाले आयुर्वेद विज्ञान के बारे में विस्तार से छात्रों को बताया। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद की पढ़ाई पढ़ने की शुरुवात क्रिया शारीर विभाग से होगी। डॉ. दीक्षित ने विद्यार्थियों को म्यूजियम और प्रयोगशाला का भी भ्रमण कराया और प्रयोगशाला में होने वाले प्रयोगों और उनकी उपयोगिता के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आपको अध्ययन के साथ साथ हर चीज का ज्ञान हासिल करना बहुत जरूरी है। नवप्रवेशित छात्रों को उन्होंने टिप्स देते हुए कहा कि अगर आपको सफल चिकित्सक बनना है तो अपने हर विषय को गंभीरता से पढ़ें और उसकी पूरी जानकारी प्राप्त करें। अपना गहन अध्ययन ही आपको बुलंदियों पर ले जायेगा, इसलिए हर छात्र को गंभीरता से अपने पाठ्यक्रम का अध्ययन करना होगा। पीजी डीन डॉ. सुनील कुमार गुप्ता ने रोग निदान विभाग की प्रयोगशाला का विद्यार्थियों को भ्रमण कराया और विषय एवं उसके अन्तर्गत होने वाले प्रयोगों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
प्राचार्य डॉ. जॉली सक्सेना ने कहा कि 15 दिन तक इसी तरह से नव प्रवेशित छात्र-छात्राओं को आयुर्वेद से सम्बन्धित एवं उनकी प्रतिभा के निखार के लिए इसी प्रकार की ज्ञानवर्द्धक और उपयोगी कक्षाओं का क्रम चलता रहेगा, ताकि सभी नए छात्र छात्राएं पूरी तन्मयता से अपने प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रम की शरुवात कर सकें। उन्होंने कहा कि किताबी ज्ञान से पहले इस तरह मोटीवेशनल क्लासों का सेशन सभी नव प्रवेशित छात्र छात्राओं के लिए उपयोगी साबित होगा। उन्होंने कहा कि हमारे छात्र चेयरमैन डॉ. जितेन्द्र सिंह यादव तथा डायरेक्टर डॉ. अनीता रंजन की मंशा के अनुरूप दुनियां जहान में महाविद्य़ालय का नाम रोशन करेंगी। महाविद्यालय का पूरा स्टाफ भी मैनेजमेंट की मंशा को पूर्ण करने के लिए दृढ़ संकल्पित है।

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