बिना राम के आदर्शों का चर्मोत्कर्ष कहां है और बिना राम के इस भारत में भारत वर्ष कहां है

रामनवमी पर राष्ट्रीय कवि सम्मेलन की काव्य गोष्ठी में बही भक्ति रस की धार
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। राष्ट्र भावना को समर्पित साहित्यिक संस्था राष्ट्रीय कवि संगम के बैनर तले भगवान श्रीराम जन्मोत्सव के मौके पर काव्य गोष्ठी का आयोजन बजरिया स्थ्ज्ञित वरिष्ठ छंदकार रामअवतार शर्मा इंदू के निवास पर कवि ज्योतिस्वरुप अग्निहोत्री की अध्यक्षता में हुआ। मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्तर के कवि डा0 शिवओम अम्बर रहे व विशिष्ठ अतिथि के तौर पर संस्कार भारतीय के प्रांतीय महामंत्री सुरेन्द्र पाण्डेय मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन संस्था के अध्यक्ष दिलीप कश्यप कलमकार ने किया। डा0 शिवओम अम्बर ने भगवान राम को समर्पित रचना में कहा कि बिना राम के आदर्शों का चर्माेत्कर्ष कहां है। बिना राम के इस भारत में भारतवर्ष कहां है। विशिष्ट अतिथि सुरेंद्र पाण्डेय ने मानस की पंक्तियां पढ़ते हुए कहा कि जब जब धर्म की हानि होती है तब तब प्रभु अवतार लेकर निशाचरी शक्तियों का नाश करते है। अध्यक्षता कर रहे कवि ज्योति स्वरूप अग्निहोत्री ने हमारे हरि सों कौन उदार, पद पढ़कर माहौल को भक्तिमय बना दिया। बृजकिशोर सिंह किशोर ने पढ़ा आपकी मुस्कान के परिणाम दिखते है आईने को हम उमर खय्याम दिखते हैं।
राम शंकर अवस्थी ने पढ़ा कि राम ने धनुष तोड़ा सीता व्याहने के लिए, राम व्याहने के लिए कबीरा सा मतवाला हो। इसके अलावा रामअवतार शर्मा इंदू ने भगवान राम की महिमा बखान करते हुए छंद पढ़े। उत्कर्ष अग्निहोत्री, दिनेश अवस्थी, उपकार मणि, निमिष टंडन, राममोहन शुक्ला, अतुल फर्रुखाबादी, विशाल श्रीवास्तव आदि ने काव्यपाठ किया। संस्था के महामंत्री रोहित दीक्षित राष्ट्रसेवक ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। कवियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

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