बुजुर्गाे का सम्मान करना हमारी परम्परा ही नहीं नैतिक जिम्मेदारी भी: असीम अरुण।

अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर वृद्धजनों के सम्मान हेतु भागीदारी भवन में हुआ कार्यक्रम का आयोजन।
समृद्धि न्यूज़ लखनऊ। बुजुर्गाें का सम्मान करना हमारी परम्परा ही नहीं नैतिक जिम्मेदारी भी है। वृद्धजनों से हमेशा ही मार्गदर्शन मिलता है।वे प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से हमें संबल प्रदान करते है। हमारी आने वाली पीढ़ीयों को नसीहत देते है और उनका मार्ग प्रशस्त करते है।ये बातें समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरूण ने आज अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस एवं दादा-दादी,नाना-नानी दिवस पर भागीदारी भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में कहीं।समाज कल्याण विभाग द्वारा,हेल्पेज इंडिया और वरिष्ठ नागरिक महासमिति के संयुक्त तत्वावधान में भागीदारी भवन में आयोजित कार्यक्रम के संबोधन में श्री अरूण ने कहा कि वृद्धजनों की तब मदद की जाये जब उन्हें इसकी ज़रूरत हो।हमें उन्हें एकाकी नहीं रहने देने चाहिए। प्रदेश सरकार वृद्धजनों के हित में लगातार प्रयास कर रही है और उनके लिए कल्याणकारी योजनाएँ संचालित कर रही है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में उत्तर प्रदेश एकमात्र अकेला ऐसा राज्य है जिसके सभी 75 जिलों में वृद्धाश्रम संचालित हैं।
श्री अरूण ने कहा कि आज के कार्यक्रम का उद्देश्य है कि बच्चे और युवा पीढ़ी घर परिवार के बड़े-बुजु़र्गों की एहमियत को समझें।उनके अनुभवों से प्रेरणा लें और विषम परिस्थियों से सामना होने पर उनसे मार्गदर्शन प्राप्त कर जीवन की चुनौनियों का मज़बूती से सम्मान करें। उन्होंने कहा कि समाज कल्याण विभाग का प्रयास है की वृद्धावस्था पेन्शन की पात्रता की उम्र आने पर अर्हता पूरी करने वाले ज़रूरतमंत बुजर्ग पेन्शन के लिए आवेदन न करना पड़े बल्कि उन्हें स्वतः ही पेन्शन मिलने लगे।
इस अवसर पर वरिष्ठ नांगरिकों को सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वालों में 102 वर्षीया राधा जोशी के अलावा 90 वर्षीया कमला डी, उमा त्रीगुणायत,डा.वाई.डी.मिश्र, प्रीतम सिंह नट,वीरेंद्र सिंह, रामलाल गुप्ता,सोबरन सिंह, विजय शंकर वास्तव,वी.के.खरे, दुर्गा दत्त,प्रो.आनंद बरनवाल वैद्य,प्रो.योगेंद्र सिंह,रघुनाथ सिंह आदि शामिल रहे।शतायु सम्मान से सम्मानित कमला डी.ने बताया कि वह लखनऊ विश्वविद्यालय से प्रोफेसर हेड के पद से रिटायर हुईं।उन्होंने कहा कि रिटायर होने के बाद उन्होंने अपनी जिंदगी का बखूबी लुत्फ उठाया।विदेश घूमी,समाज सेवा की।उन्होंने बताया कि लखनऊ के निराला नगर में वह अकेली रहती हैं मगर 14 ऐसी ही एकाकी जीवन जीने वाली महिलाओं के साथ एक परिवार की तरह रह रही हैं। शतायु सम्मान से सम्मानित सोबरन सिंह ने बताया कि वह मंदबुद्धि बच्चों की खेल अभिरुचि को प्रोत्साहित करने में जुटे हुए है।वृद्धजन अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखें।कार्यक्रम में विभिन्न शिक्षण संस्थाओं के बच्चों के साथ उपस्थित जनसमूह ने वृद्धजनों के सम्मान और उनके कल्याण के लिए सतत सक्रिय रहने की शपथ ग्रहण की।सिटी मोन्टेसरी स्कूल के बच्चों ने दादा दादी,नाना नानी के लिए मनमोहक गीत पर नृत्य पेश किया।कार्यक्रम में डॉ0 हरिओम प्रमुख सचिव,समाज कल्याण विभाग,अति विशिष्ठ अतिथि के रूप में शामिल हुए। साथ ही प्रशांत कुमार निदेशक, समाज कल्याण,अनूप पंत, हेल्पेज़ इंडिया प्रमुख सहित समाज कल्याण विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी, लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर्स,विद्यार्थी एवम सी.एम.एस,एल्डिको के छात्र कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।

 

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