पण्डाबाग मंदिर पर उमड़ती रही सुबह से देर रात तक भक्तों की भीड़
जिला जज, सांसद, एसपी सहित अजीम हस्थितियों ने पहुंचकर बाबा के दरबार में टेका माथा
जगह-जगह हुए भण्डारे, भोग, प्रसाद वितरण
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। महाशिवरात्रि के पर्व पर नगर के चप्पे-चप्पे पर हर-हर महादेव के उद्घोष सुनाई पड़े। खास तौर से शिव मंदिरों पर सुबह से ही पूजा का क्रम चालू हो गया। पंचामृत अभिषेक, श्रंगार पूजा के बीच देवो के देव महादेव एवं माता पार्वती की आरती उतारी गई। भक्तों ने उपवास रखकर भगवान शिव एवं माता पार्वती का भावपूर्ण पूजन किया। भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच धर्म की धारा नगर में प्रवाहित होती दिखायी दी। वहीं पांचाल घाट के गंगा तट पर लोगों ने पहुंचकर गंगा स्नान किया व भगवान शिव की जटा में विराजमान गंगा को नमन निवेदित किया।
नगर के ऐतिहासिक महाभारत कालीन शिवालय पाण्डेश्वरनाथ मंदिर में सुबह ४ बजे से ही भक्तों का जमघट शुरु हुआ और देर रात तक भक्तों का आना जाना लगा रहा। मंदिर प्रांगण से लेकर मंदिर के बाहर तक लम्बी-लम्बी कतारे लगी रही। खास तौर से महिला भक्तों ने उत्साह देखते ही बन रहा था। सुरक्षा व्यवस्था के लिए चाकचौबंद व्यवस्था तैनात की गई। सांसद मुकेश राजपूत, जिला जज अश्वनी कुमार, एसपी अशोक कुमार मीणा व अन्य गणमान्य लोगों ने बाबा के दरबार में माथा टेंका और सभी के मंगल की कामना की। महाशिवरात्रि भगवान शिव एवं माता पार्वती के विवाह का महापर्व है। यह पर्व सृष्टि की रचना से भी जुड़ा हुआ है। पण्डाबाग मंदिर के प्रधान पुजारी गोपाल शर्मा व राजेश शर्मा और उमेश शर्मा ने अपने सहयोगियों के साथ सुबह से ही पूजन का क्रम प्रारम्भ कराया और पूरे दिन हजारों भक्तों की आमद मंदिर प्रांगण में होती रही। घरों में भी भगवान शिव की आराधना भक्तों ने उपवास रखकर की। दूध, घी, शहद, शक्कर, सुंगध, गन्ने का रस, जल आदि तत्वों से प्रभु को स्नान कराया गया। इसके बाद भोग में भांग, धतूरा, बेलपत्र, पंचमेवा, मिष्ठान चढ़ाया गया। शाम के समय भव्य श्रंगार पूजा की गई। भगवान शिव की नयनाभिराम झांकी देखकर भक्त भावविभोर हो गये। हर-हर महादेव, जय शिवशंकर, बम-बम भोले के उद्घोष गूंजते रहे। नगर के अन्य प्रमुख मंदिरों में कोतवालेश्वर नाथ शिवालय, कालेश्वर नाथ शिवालय, नागेश्वर नाथ शिवालय, महाकाल मंदिर, तामेश्वर नाथ मंदिर, मनकामेश्वर नाथ मंदिर, उत्तरी क्षेत्र में गंगा तट पर स्थित मोटे महादेव का मंदिर, नंदेश्वर शिवालय के साथ-साथ गली-मोहल्लों में स्थापित मंदिरों में विधि विधान पूर्वक पूजन किया गया। जगह-जगह पर प्रसाद वितरण हुआ। भगवान शिव को समर्पित भण्डारे हुए। नगर में स्थित सभी शिवालयों व मंदिरों में सुरक्षा की दृष्टि से भारी पुलिस बल तैनात रहा। वहीं प्रशासनिक अधिकारी पल-पल की खबर लेते रहे।
ऐतिहासिक पुठरी मंदिर पर उमड़ा श्रद्धा का सैलाब
नवाबगंज, न्यूज। महाशिव रात्रि के पर्व पर प्राचीन शिव मंदिर पुठरी में श्रद्धालुओं का जन सैलाब उमड़ पड़ा। श्रद्धा के इस सागर में भक्तिरुपी जल का प्रवाह होता रहा। सुरक्षा की दृष्टि से थानाध्यक्ष भारी पुलिस बल के साथ तैनात रहे।
महाशिवरात्रि के अवसर पर ६२५ वर्ष पुराने पुठरी शिव मंदिर के पुजारी सुरेश गिरी ने बताया कि इस मंदिर पर जो व्यक्ति आता है, उसकी मनोकामना पूर्ण होती है। कोई भी व्यक्ति निराश होकर नहीं जाता। पुठरी मंदिर पर फाल्गुन मास के शिवरात्रि के दिन भारी मेला लगता है तथा चैत्र मास में शिव तेरस के उपलक्ष्य में 10 दिन का मेला लगता है। वैसे तो यहां देखा जाए तो लगभग मेला ही लगा रहता है। क्षेत्र के बुजुर्गों ने बताया कि यह मंदिर कई सदियों पुराना है। इस मंदिर की किसी को कोई जानकारी नहीं है कुछ लोगों का कहना यह भी है इस मंदिर से सुरंग निकली हुई है, लेकिन उसका अभी तक कोई प्रमाण नहीं मिला है।
शिवमय बनी रही तीर्थ नगरी कम्पिल
कंपिल न्यूज। महाशिवरात्रि के अवसर पर तीर्थनगरी कंपिल में भूत भावन भगवान शिव की पूजा अर्चना व अभिषेक को लेकर मंदिरों मे श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। बड़ी संख्या में लोगों ने व्रत रखकर विभिन्न शिवालयों मंदिरों व यत्र तत्र स्थापित शिव चबूतरों पर आस्था पूर्वक भगवान शिव की पूजा आराधना की। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने भगवान शिव का जलाभिषेक व दुग्धाभिषेक किया।
ऐतिहासिक तीर्थनगरी कंपिल स्थित रामेश्वर नाथ मंदिर में शनिवार को श्रद्धालुओं ने बेलपत्र, फूल, दूध, धतूरे आदि से जलाभिषेक कर पूजन अर्चन किया। बोल बम, हर-हर महादेव और ऊं नम: शिवाय के जयघोष से मंदिर प्रांगण और पूरा कस्बा गुंजायमान रहा। शिवरात्रि पर भक्तों में अपार उत्साह रहा। हजारों की संख्या में श्रद्धालु नंगे पांव ही मंदिर पहुंचे। हाथों में फूलों की डलिया और लोटे में जल लिए भक्त हर हर महादेव का उद्घोष करते रहे। दिन भर कस्बा के कालेश्वर नाथ मंदिर, पांडेश्वर नाथ मंदिर, कपिलमुनि आश्रम, चौमुखी नाथ मंदिर, भूतेश्वर नाथ समेत सभी शिवालयों में श्रद्धालुओं की कतारें लगी रहीं। महाशिवरात्रि के अवसर पर शिवालयों को आकर्षक ढंग से सजाया गया। ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर बज रहे शिव महिमा व भक्ति गीतों से क्षेत्र गुंजायमान होता रहा। मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव व मां पार्वती का विवाह हुआ था। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।