क्षेत्राधिकारियों के साथ की बैठक
अमिताभ श्रीवास्तव।
समृद्धि न्यूज़ गोण्डा। जिले के नवागत पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने सोमवार की अपराह्न पुलिस कार्यालय पहुॅचकर कार्यभार ग्रहण कर लिया।उनके आगमन पर सभी राजपत्रित अधिकारी मौजूद रहे।कार्यभार ग्रहण करने के बाद नवागत पुलिस अधीक्षक श्री जायसवाल द्वारा जिले के राजपत्रित अधिकारियों के साथ गोष्ठी की गयी।इस दौरान उन्होंने जिले में वर्तमान कानून व्यवस्था की समीक्षा की तथा अपराध एवं अपराधियों पर नियंत्रण करते हुए कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिये।इसके साथ ही उन्होंने अपराधों की रोकथाम के लिए निरन्तर पैदल गश्त करने के निर्देश दिये।बताया गया कि नवागत पुलिस अधीक्षक श्री जायसवाल मूल रूप से जनपद गोरखपुर के निवासी है जो वर्ष 2014 बैच के आईपीएस अधिकारी है।उनके द्वारा पूर्व में जनपद शामली,हाथरस,अमरोहा व मुजफ्फरनगर में बतौर पुलिस अधीक्षक सेवाएं दी जा चुकी है तथा वर्तमान समय में वे पुलिस उपायुक्त कमिश्नरेट लखनऊ के पद पर कार्यरत थे। -जानिए कौन है आईपीएस विनीत। गोंडा।बीते कुछ माह पूर्व घटित हाथरस जिले की घटना ने उत्तर प्रदेश के पूरे प्रशासनिक अमले को हिलाकर रख दिया था।जिले के कई आला अफसरों के निलंबन के बाद वहां पुलिस अधीक्षक पद की जिम्मेदारी युवा आईपीएस अधिकारी विनीत जायसवाल को दे दी गई। -इस घटना ने और कर दिया चर्चित। गोंडा।हाथरस जिले की घटना के बाद मामले में पीड़िता के परिवार से मिलने पहुंचे राष्ट्रीय लोक दल अध्यक्ष जयंत चौधरी और समाजवादी पार्टी के नेताओं पर लाठी चार्ज के बाद से विनीत जायसवाल चर्चा में आ गए।कहा जाने लगा कि उन्हें प्रशासनिक व्यवस्था को सही ढंग से चलाने के लिए जिले में ये बड़ी जिम्मेदारी दी गई थी।
-यह है आईपीएस विनीत की कहानी।
गोंडा।आईपीएस विनीत जायसवाल मूल रूप से गोरखपुर के रहने वाले हैं।वे वर्ष 2014 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं।इससे पहले वे अपने एक वीडियो को लेकर चर्चा में भी आ चुके हैं।श्री जायसवाल आईपीएस बनने से पहले इंजीनियर के तौर पर इन्फोसिस कंपनी में नौकरी कर चुके हैं।वर्ष 2010 में आईपीएस विनीत जायसवाल ने नोएडा के जेएसएस कॉलेज से कम्प्यूटर साइंस विषय में बी.टेक किया था और उसके बाद उन्होंने इंफोसिस में कम्प्यूटर साइंस के बैचलर टेक्नीशियन के रूप में ज्वाइन कर लिया।
-कुछ और था आईपीएस विनीत का सपना।
गोंडा।आईपीएस विनीत जायसवाल का सपना यूपीएससी क्लीयर करके सिविल सर्विस ज्वाइन करना था,इसलिए वर्ष 2011 में उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी शुरू कर दी थी।वे पहले दो प्रयास में सफल नहीं हो सके फिर भी उन्होंने बिना हार माने तीसरे प्रयास में वर्ष 2013 में सिविल सर्विस एग्जाम निकाल दिया।
आईपीएस विनीत जायसवाल के पिता राधेश्याम जेल अधीक्षक रहे हैं।विनीत अपने पिता से शुरू से प्रभावित थे।उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि पुलिस सर्विस भी एक मैनेजमेंट है।इसमें अपराधियों पर लॉ एंड ऑर्डर का फॉर्मूला एप्लाई होता है।भयमुक्त समाज के लिए प्रबंधन ही गुड पुलिसिंग है।