समृद्धि न्यूज़ लखनऊ। उत्तर प्रदेश की एसटीएफ को जनपद गाजियाबाद के कोतवाली नगर में पंजीकृत गैगस्टर एक्ट के एक अभियोग में वांछित तथा पचास हजार रुपए के पुरस्कार घोषित अभियुक्त उमर पुत्र मोहम्मद हुसैन को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त हुई है।गिरफ्तार किया गया अभियुक्त पश्चिमी बंगाल का निवासी है तथा उसे गौतमबुद्धनगर क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है।उसके पास से एक आधार कार्ड (स्वंय का),दो एटीएम कार्ड तथा एक पैन कार्ड बरामद किया गया है।जानकारी के मुताबिक एसटीएफ को विगत काफी समय से फरार/पुरस्कार घोषित अपराधियों के सक्रिय होकर अपराध करने एवं अन्य अपराधों में लिप्त होने की सूचनाएं प्राप्त हो रहीं थी।इस सम्बन्ध में एसटीएफ की विभिन्न इकाईयो/टीमों को अभिसूचना संकलन एवं कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था,जिसके अनुपालन में राज कुमार मिश्रा, अपर पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ फील्ड इकाई,नोएडा के पर्यवेक्षण में व नवेन्दु कुमार, पुलिस उपाधीक्षक एसटीएफ नोएडा के नेतृत्व में निरीक्षक सचिन कुमार द्वारा टीम गठित कर अभिसूचना संकलन की कार्यवाही की जा रही थी। बुधवार को अभिसूचना संकलन के दौरान मुखबिर के माध्यम से निरीक्षक सचिन कुमार एसटीएफ फील्ड इकाई नोएडा को सूचना प्राप्त हुई कि थाना कोतवाली नगर जनपद गाजियाबाद पर पंजीकृत मु0अ0स0ं 287/20 धारा 2/3 गैगस्टर एक्ट से सम्बन्घित ईनामी अपराधी उमर पुत्र मोहम्मद हुसैन वर्तमान में हल्दोनी के डूबक्षेत्र में छिपकर रह रहा है। इस सूचना पर विश्वास कर एसटीएफ नोएडा की टीम द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए गन्तव्य स्थान पर पहॅुचकर अभियुक्त उमर पुत्र मोहम्म्द हुसैन को उपरोक्त स्थल से गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार अभियुक्त उमर ने पूछताछ पर बताया कि उसकी उम्र लगभग 35 साल है तथा अनपढ़ है।वह मूलरूप से जनपद उत्तर दिनापुर, पश्चिमी बंगाल का रहने वाला है।वर्ष 2011 से वह दिल्ली,एनसीआर क्षेत्र में आकर सिलाई करने का काम करने लगा था।वर्ष 2016 में इसकी (अभियुक्त उमर) मुलाकात पश्चिमी बंगाल निवासी राजा तथा बिहार निवासी अफरोज एवं शब्बीर से सेक्टर 15 नयाबांस, नोएडा में हुई थी।तभी से हम चारो लोग मिलकर बन्द पडे मकानों को चिन्हित करके उनके ताले तोड़कर मकानों में चोरी करते थे।अभियुक्त उमर को वर्श 2016 में थाना सेक्टर 20 नोएडा की पुलिस द्वारा चोरी की घटना में जेल भेजा गया था तथा दो माह जेल में रहने के उपरान्त जेल से छूटने पर पुनः चोरी की घटनाऐं करने लगा।इसके बाद अभियुक्त उमर को थाना बीटा-2 गौतमबुद्धनगर की पुलिस द्वारा वर्श 2017 में चोरी के आरोप में जेल भेजा गया था और वह लगभग एक माह तक जेल में रहा था।जेल से छूटने के बाद पुनः अभियुक्त उमर को चोरी के आरोप में थाना कोतवाली, गाजियाबाद की पुलिस द्वारा वर्ष 2019 में जेल भेजा गया था। उल्लेखनीय है कि कोविड महामारी के कारण दिनांक 09 अप्रैल वर्ष 2020 को अभियुक्त उमर को पैरोल पर छोड़ा गया था परन्तु पैरोल अवधि समाप्त होेने के पष्चात वह पुनः वापस जेल नही गया तथा पैरोल को जम्प कर फरार हो गया था और तभी से फरार चल रहा था। अभियुक्त उमर के विरूद्ध वर्ष 2020 में थाना कोतवाली, जनपद गाजियाबाद पर मु0अ0स0ं 287/20 धारा 2/3 गैगस्टर एक्ट का अभियोग पंजीकृत हुआ था और इसी अभियोग में अभियुक्त उमर की गिरफ्तारी पर अतिरिक्त पुलिस आयुक्त गाजियाबाद के स्तर से पचास हजार रुपए का पुरस्कार घोषित हो रखा था।गिरफ्तार अभियुक्त उमर,उपरोक्त के विरुद्ध दर्जन भर मुकदमे दर्ज हैं। अग्रिम विधिक कार्यवाही स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है।