प्रेस नोट जारी करके अयोध्या नगर निगम ने अपने करप्शन में डूबा हुआ मान लिया

अयोध्या

अपने भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए प्रेस नोट जारी करके अयोध्या नगर निगम ने अपने करप्शन में डूबा हुआ मान लिया।  प्रेस नोट के मुताबिक 2020 में टेंडर हुआ जिसकी अवधि मात्रा एक वर्ष थी, वो 2021, 2022 और 2023 तक करोड़ों रुपए का अवैध भुगतान बिना टेंडर के विस्तार पर विस्तार करते हुए अपने चहेते AB Enterprises को देते रहे। यह नियम विरुद्ध और MSME विभाग के 2020 के शासनादेश का खुला उल्लंघन और गैर कानूनी है। तत्कालीन नगर आयुक्त को इस पर एक गंभीर आपत्ति भी जताई गई थी लेकिन उसको दबा दिया गया। अब 2023 के मई महीने में टेंडर हुआ। कुल शामिल हुई कम्पनी 108, लेकिन कमाल देखिए AB Enterprises को छोड़कर सबको भगा दिया गया। “सबको अयोग्य घोषित करके सिर्फ खुद को योग्य घोषित करवाया” फिर बिडिंग हुई और अब 68 कम्पनी आई। इनकी चहेती कंपनी को छोड़कर बाकी सब इस बार फिर अयोग्य घोषित। अब एक bid और एक चहेती।यानी AB Enterprises। करोड़ों का टेंडर तत्काल दे दिया गया। यानी साफ साफ दिख रहा है की टेंडर का गेम फिक्स था। जून 2024 में भी जब इसका समय समाप्त हो गया तो एक वर्ष का विस्तार और मिल गया। कुल मिलाकर 2020 से अब तक यही कंपनी अयोध्या में आउटसोर्सिंग की सरगना है। कागजों में 2 हजार कर्मचारी अयोध्या में है लेकिन हकीकत में काफी कम बताए जाते हैं।

 

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