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पुलिस की वर्दी पहनकर झाड़ता था रौब, लोगों से लाखों रुपये की कर चुका ठगी
कानपुर। दारोगा बनकर लोगों को ठगने वाले युवक को कल्याणपुर थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। फर्जी दारोगा का पर्दाफाश पिछले दिनों एक मुकदमे में जांच के दौरान हुआ था। पुलिस आरोपित से पूछताछ कर रही है। आरोपित के पास से पुलिस की वर्दी, आइ कार्ड, रबर स्टांप बरामद हुए हैं। प्रभारी निरीक्षक सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि आरोपित संजीव वर्दी की रौब में ठगी का काम करता था। एक ज्वैलर्स के यहां से भी जेवर लेकर आ गया था, मगर पेमेंट नहीं कर रहा था। अन्य मामलों को लेकर उससे पूछताछ की जा रही है। राजकीय उन्नयन बस्ती निवासी चंद्रेश्वर सिंह के मुताबिक उनके दामाद सागर ने संजीव यादव नाम के एक युवक से मुलाकात कराई। बताया कि संजीव एसीपी कार्यालय में दारोगा हैं और गूबा गार्डन में रहते हैं। संजीव अपनी पत्नी नेहा के नाम जमीन की रजिस्ट्री कराना चाहते हैं लेकिन अभी इनके पास पैसे कम हैं। वर्दी पहनकर फर्नीचर कारोबारी से 15 लाख रुपये की ठगी करने वाले फर्जी दरोगा को कल्याणपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वह लंबे समय से लोगों पर पुलिस का रौब दिखाकर ठगी कर रहा था। पुलिस ने उसके पास से पुलिस का लोगो लगी कार, वर्दी के अलावा आईएएस को प्रशिक्षण देने वाली लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी (लबासना) का आई कार्ड भी बरामद हुआ है। कल्याणपुर सीटीएस बस्ती निवासी चंद्रेश्वर सिंह आर्डनेंस फैक्ट्री से रिटायर होने के बाद नेत्रहीन हो गए थे। इसके बाद उन्होंने फर्नीचर का कारोबार शुरू किया। चंद्रेश्वर सिंह ने बताया कि उनके दामाद सागर ने कुछ समय पहले एसीपी ऑफिस में तैनात दरोगा होने का दावा करने वाले संजीव कुमार यादव से मिलवाया था। दामाद ने बताया था कि वह गूबा गार्डेन में पत्नी नेहा और बच्चे के साथ रहता है। पत्नी के नाम जमीन की रजिस्ट्री करानी है, लेकिन अभी पैसे नहीं हैं। तीन जोड़ी वर्दी, तीन पी कैप, एक बैरट कैप, पांच बेल्ट चपरास लगी, 12 जोड़ी स्टार फ्लैप में लगे, तीन सीटी डोरी, सात मोनो ग्राम, दो होलिस्टर, एक पिस्टल डोरी, दो नेम प्लेट, एक जोड़ी जूता लाल रंग का, दो जोड़ी स्टार, एक जोड़ी यूपीपी बैच, एक ताज, दो इंसीनिया, चार फुल थ्रू, छह खाली फ्लैप, दो रबर स्टैंप मुहर, एक सील मुहर, एक स्टांप पैड, दो आई कार्ड यूपी पुलिस प्लास्टिक के, चार कैंटीन कार्ड, एक डायरी इस्तेमाली मय एफआईआर, एक ड्राइविंग लाइसेंस वर्दी में लगी फोटो, एक आईकार्ड आईएएस लबासना एकेडमी मसूरी का।