फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। माफिया रज्जू उर्फ खालिद के होटल को गिरवाने के आदेश को तबादले के बाद वापस लेने के मामले में तत्कालीन नगर मजिस्टेट दीपाली भार्गव फंस गई हैं। कोतवाली फतेहगढ़ के मोहल्ला सिविल लाइन मडैय़ा निवासी सुधीर दिवाकर ने तत्कालीन नगर मजिस्ट्रेट दीपाली भार्गव के आदेश के विरुद्ध हाईकोर्ट में रिट का दायर की है। रिट में जिलाधिकारी एवं नगर मजिस्ट्रेट को पक्षकार बनाया गया है। न्यायालय द्वारा नोटिस जारी किए जाने पर प्रशासनिक अधिकारियों में हडक़ंप मच गया है।
सुधीर दिवाकर ने सिटी मजिस्ट्रेट एवं लिपिक विदुर पाल के फर्जीवाड़े के मामले में जिलाधिकारी से शिकायत की थी। उन्होंने जिलाधिकारी को अवगत कराया था कि वाद संख्या-1074/2022 सरकार बनाम खालिद उर्फ रज्जू धारा-10 उ0प्र0आर0बी0ओ0 एक्ट स्थल गाड़ीखाना फतेहगढ़ में रज्जू उर्फ खालिद पुत्र इरशाद अली निवासी सिविल लाईन निकट अख्तर मसीह कोठी फतेहगढ़ द्वारा ब्लू हैवन होटल का निर्माण अवैधानिक रुप से उ0प्र0आर0बी0ओ0 एक्ट का उल्लंघन कर कराया गया था। जिसके संबंध में उपरोक्त वाद दर्ज कर रज्जू उर्फ खालिद का ब्लू हैवेन होटल गिराने का आदेश तत्कालीन नगर मजिस्ट्रेट दीपाली भार्गव द्वारा दिनांक 01.06.2023 को किया था। उक्त आदेश पारित होने के उक्त रज्जू उर्फ खालिद के विरुद्ध मु0अ0सं0 280/2023 धारा 364, 386, 504, 120बी भा0द0सं0 थाना कोतवाली फतेहगढ़ में 9 जून 23 को दर्ज हुई तथा दूसरा मु0अ0सं0 309/2023 धारा 420, 467, 468, 471, 504, 506 आई0पी0सी0 व 3 (1)द, ध एस0सी0/एस0टी0 एक्ट थाना मऊदरवाजा में दर्ज हुई। तब से रज्जू उर्फ खालिद फरार है। ब्लू हैवेन होटल गिराये जाने का आदेश दिनांक 01.06.2023 को पूर्व नगर मजिस्ट्रेट द्वारा किया गया बाद में उनका स्थानान्तरण हो गया तथा उक्त आदेश की खबर अखवारों में 27 जून 23 को प्रकाशित हुई थी। तब नगरवासियों द्वारा 28 जून में रज्जू उर्फ खालिद को सूचना दी गई। उसके अधिवक्ता द्वारा पत्रावली का मुआयना किया जाना व 28 जून को आदेश की जानकारी होना प्रार्थना पत्र में अंकित किया गया। जबकि प्रार्थना पत्र में पिछली तारीख 20.06.2023 डालकर नियत प्राधिकारी के लिपिक विदुर पाल पूर्व नगर मजिस्ट्रेट से बैक डेट 26 जून 23 में कानपुर उनके घर रुपये देकर करा लाया। जबकि उक्त नगर मजिस्ट्रेट चार्ज छोडक़र चली गयीं थीं। बताते हैं कि लिपिक विदुरपाल सिंह ने रज्जू उर्फ खालिद से मोटी रकम लेकर आदेश पिछली तारीख 26 में कराकर भ्रष्टाचार किया है। उक्त विदुरपाल सिंह ने आय से अधिक अकूत सम्पत्ति भ्रष्टाचार से पैदा की है।