मिल रही धमकियों के संदर्भ में भवन स्वामी उच्चाधिकारियों को भी करा चुके है अवगत
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। गैर कानूनी तरीके से प्रतिबंधित दावों की बिक्री करने वाले रोमिल, सोमिल अग्रवाल पर पहले से ही मारपीट व दलित उत्पीडऩ का एक मुकदमा चल रहा है। अपने मालिक की जगह कब्जाने व संपत्ति हड़पने का प्रयासरत है यह भी मामला सामने आया है।
कोतवाली फतेहगढ़ क्षेत्र के निकट मिलिट्री चौराहा एक बैंक के पास स्थित रोमिल, सोमिल अग्रवाल के मेडिलक स्टोर पर बीते दिनों नगर मजिस्टे्रट ने छापा मारा था। किसी प्रकार का कोई कागज न दिखाने पर इस संदर्भ में नगर मजिस्टे्रट ने औषधि निरीक्षक को कार्यवाही करने के लिए कहा। जिसके बाद दो दिन पूर्व औषधि निरीक्षक ने छापा मारकर प्रतिबंधित दवाएं पकड़ी। इस दौरान लाइसेंस मांगने पर दवा की बिक्री करने वाले रोमिल, सोमिल लाइसेंस नहीं दिखा सके। जिस पर पूर्ण रूप से दवा की बिक्री पर प्रतिबंध लगाते हुए औषधि विभाग ने विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी है। बताते चलें जिसमें दुकान की है वह जगह ऋषिराज की है, वह उच्च न्यायालय लखनऊ वर्तमान समय में राज्य विधि अधिकारी के पद पर कार्यरत है। उनसे कृष्ण कुमार अग्रवाल ने किराए के रूप में दुकान ली थी। उनकी संपत्ति हड़पने के नियत से पूर्व में उनके पुत्र रोमिल, सोमिल अग्रवाल ने उनके नौकर दीपू कनौजिया के साथ 29 सितंबर 2022 को मारपीट की व जाति सूचक गालियां देकर अपमानित किया था। जिसका मुकदमा न्यायालय में विचाराधीन है। दबंग दुकानदार ने इतना ही नहीं भवन स्वामी ऋषिराज के बहनोई मधुकर सक्सेना को भी मोबाइल फोन पर धमकी दी थी। सूत्रों की माने तो दबंग दुकानदार ऋषिराज को किसी न किसी फर्जी मुकदमे में फंसाकर सम्पत्ति हड़प लेने की सामने आयी है। दबाव बनाने के उद्देश्य से दीपू कनौजिया के खिलाफ झूठा प्रार्थना पत्र दिया था, जिसे मुख्य नायक मजिस्ट्रेट द्वारा खारिज कर दिया गया और रिवीजन भी न्यायालय ने निरस्त कर दी थी। सम्पत्ति पर बुरी नजर रखने वाले किराएदार कृष्ण कुमार अग्रवाल को बेदखली के लिए ऋषिराज द्वारा मुकदमा दायर किया गया, जो विचाराधीन है। भवन स्वामी ऋषिराज को बार-बार मिल रही धमकियों के संदर्भ में पुलिस अधीक्षक को 19 सितंबर 2023 को लिखित प्रार्थना पत्र लेकर अवगत कराया कि कृष्ण कुमार अग्रवाल उनके विरुद्ध साजिश रचकर झूठा मुकदमा लगाकर फंसा सकते हैं। ड्रग इंस्पेक्टर द्वारा की गई कार्रवाई से पूर्व में भी सितंबर में भी छापा पड़ा था, तब भी कई अमितितायें पाई गई थी।