ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की जुबान पर तरह-तरह की चर्चाएं
शमशाबाद, समृद्धि न्यूज। बुधवार को ढाईघाट शमशाबाद स्थित गंगा नदी पुल के पूर्व की ओर सरकारी दवाइयों का जखीरा बहते हुए देखा गया। उधर सरकारी दवाइयों को गंगा जल में बहता देख मौके से गुजर रहे लोगों की भीड़ जुट गई। देखते ही दर्जनों लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गयी। लोग तरह-तरह की चर्चाएं करने लगे कि आखिर सरकारी दवाईयों का जखीरा गंगा जल में कहां से आया कहीं सरकारी अस्पतालों से तो नहीं डाला गया। गंगा नदी में फेंकी गयीं दवाइयां एक्सपायर थी। स्थानीय लोगों की मानें तो सरकारी दवाइयों पर एक्सपायरी डेट सातवां महीना 2024 पड़ी थी। साथ ही नाट फॉर सेल गवर्नमेंट सप्लाई लिखा हुआ था। बताते चलें कि सांसद मुकेश राजपूत ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बरौन का आकस्मिक निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान तमाम खामियां पाई गई थी। अव्यवस्थाएं पाए जाने पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की थी। सूत्रों के मुताबिक यहां सरकारी दवाइयों में भी गड़बड़ी पाई गई थी। बताते चलें कि शहर से लेकर गांव तक सभी का स्वास्थ्य उत्तम रहे, इसके लिए सरकार ने शहर से लेकर गांव-गांव तक सरकारी अस्पतालों की स्थापना की। लाखों रुपए की दवाइयां उपलब्ध कराकर चिकित्सको की तैनाती। इस आशय के साथ यहां आने वाले विभिन्न बीमारियों के शिकार मरीजों को नि:शुल्क दवाइयां मिलें, उत्तम उपचार हो, अच्छी जीवन रक्षक दवाइयां उपलब्ध हो और वो स्वस्थ रहें। स्थानीय लोगों के चर्चाएं है जो चिकित्सक कर्मचारी सरकार से हर महीने हजारों रुपए तनख्वाह लेते, वहीं चिकित्सक चंद रुपए के लालच में सरकारी दवाइयों की चोरी छिपे कालाबाजारी कराते अक्सर देखे गये हैं। जिला प्रशासन को चाहिए गंगा में विसर्जित की गई सरकारी दवाइयों की जांच कर दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।