मंदिर की जमीन पर लगे आम के पेड़ों को लकड़ी माफिया ने कटवाये

गोपाल नामक युवक ने बेंचे थे पेड़, वन अधिकारी ने मौके से टै्रक्टर ट्राली लदी पकड़ी लकड़ी
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। मंदिर की जमीन पर लगे आम के पेड़ों को एक युवक द्वारा लकड़ी माफिया को बेंच दिया गया। हरे आम के पेड़ों को लकड़ी को माफिया कटवाने लगा। जिसकी सूचना किसी ने वन विभाग के अधिकारियों को दी। मौके पर पहुंचे वन विभाग के अधिकारियों को वहां हरे आम के पेड़ कटे पड़े मिले  और पेड़ काट रहे युवक वहां से भाग गये। वन अधिकारी लकड़ी से लदी टै्रक्टर ट्राली को अपने साथ लेकर चले गये।
पेड़ों के कटने से पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। इसकी वजह से जैव विविधता की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। दुर्लभ जीव-जन्तु विलुप्ति के कगार पर पहुंच चुके हैं। पर्यावरण को सहेजने के लिए वृक्षों को बचाना होगा, लेकिन बचाना तो दूर है। याकूतगंज ठाकुरद्वारा मंदिर की जमीन पिथौरापुर मेहंदिया में लगभग ३६ बीघा जमीन है। जिसमें कुछ आम के पेड़ लगे है। मंदिर की जमीन का मालिक बताने वाला गोपाल नामक युवक ने मंदिर की जमीन पर लगे आम के पेड़ों को लकड़ी माफिया को बेंच दिया है। लकड़ी माफिया अब हरे आम के पेड़ों को कटवाने लगा है। जिसकी सूचना अज्ञात व्यक्ति द्वारा वन अधिकारी रत्नेश को दी गई। सूचना पर रत्नेश अपने हमराहियों के साथ घटना स्थल पर पहुंच गये। मौके पर उन्हें हरे पेड़ काटते लोग मिले। जो मौके से फरार हो गये। वन अधिकारी लकड़ी से लदी टै्रक्टर ट्राली को कब्जे में लेकर अपने साथ ले गये।
बता दे वृक्षों के कटान सीधे पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इससे ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्या बढ़ती जा रही है। जिसका सीधा असर मौसम पर दिखाई दे रहा है। बेमौसम बरसात और सर्दी के दिनों में गर्म होते मौसम से साफ है कि यदि पर्यावरण के प्रति सचेत नहीं हुए तो परिणाम और भी भयावह होंगे। यही नहीं कम होते पेड़ों का असर जैव विविधता पर भी साफ दिखाई दे रहा है। हर 10 साल में स्तनधारी जीव जंतुओं की एक श्रेणी विलुप्त हो जाती है। जमीन कमजोर हो रही है। कहीं जलस्तर गिरने की समस्या है तो कहीं बंजर होती जमीन।

 

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