जीरागौर में मनरेगा से लेकर विकास कार्यों में जमकर हो रहा भ्रष्टाचार

पिछले दस वर्षों में प्रधान की छह गुना बढ़ गयी सम्पत्ति
बीडीओ से लेकर सभी सरकारी धन का कर रहे बंदरबांट
कमालगंज, समृद्धि न्यूज। विकास खंड क्षेत्र के ग्राम जीरागौर में विकास कार्य न होने पर ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। ग्रामीणों का कहना है कि विकास कार्य न कर अधीनस्थ सरकारी पैसे का बंदरबांट कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार कमालगंज विकास खंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत जीरागौर जिसमें सरकारी धन का दुरुपयोग साफ दिखाई दे रहा है। गांव में विकास के नाम पर टूटी फूटी गलियां जो की कागजों में वन चुकी हैं, लेकिन सरकारी धन को किसी भी तरह खर्च दिखाकर उसका बंदरबांट किया जा सके। विकास खंड अधिकारी कार्यालय पर बैठकर समीक्षा करते हैं, समीक्षा बैठक में आरआरसी सेंटर कूड़ा संग्रह केंद्र तथा आवासों पर समीक्षा की जाती है, लेकिन वह समीक्षा केवल कागजों पर ही दिखाई जाती है और धरातल पर कार्य शून्य के स्तर से चल रहे हैं। वहीं मनरेगा योजना में भी बड़े पैमाने पर गोलमाल हो रहा है। सभी ग्राम पंचायत में लगातार श्रमिकों की संख्या कागजों में भरी जाती है और मनरेगा पोर्टल पर अपलोड की जाती है। जिसका समय से पैसा निकाला जाता है। जिसमें मनरेगा कार्यालय, विकास खंड अधिकारी, रोजगार सेवक तथा सभी कर्मचारियों के बीच में बंदरबांट होता है और मनरेगा योजना को लगातार चूना लगाया जा रहा है। वर्तमान ग्राम प्रधान अजरा बेगम द्वारा विगत 10 वर्षों से पूर्व में 5 साल यही प्रधान रही हैं। विकास कार्य के नाम से ग्रामवासियों को लगातार बेवकूफ बनाया गया है। कॉलोनी के नाम पर एससी/एसटी बस्तियों में कोई भी सुविधा नहीं दी गई एवं कोई भी विकास कार्य नहीं करवाया गया। वहीं ग्राम प्रधान की विगत 10 वर्षों में संपत्ति करीब 6 गुना बढ़ गई है। ग्रामीणों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया विगत 10 वर्षों में ग्राम प्रधान द्वारा कई खेत खरीद लिए गए हैं और विकास के नाम से आए पैसे को वह अपने निजी स्वार्थ के लिए खर्च कर रहे हैं।

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