योगी के शासन में खाकी की गुंडई, आरोपी को कम्प्यूटर कक्ष में बंद कर पीटा

मारपीट के आरोपी ने चालीस हजार रुपये मांगने का लगाया आरोप
तमंचा लगाकर जेल भेजने की दी धमकी, गिड़गिड़ता रहा आरोपी
कमालगंज, समृद्धि न्यूज। योगी के शासन में खाकी की गुंडई अपने चरम पर पहुंच गयी है। पुलिस कभी न्याय मांगने वाले को ही उठाकर बंद कर देती है, तो कभी आरोपी को बंद कर जमकर पीटती है। इसके अलावा खनन माफियाओं, लकड़ी माफियाओं से जमकर धन उगाही कर रही है। जिसके चलते बीते दिन पुलिस अधीक्षक ने खनन की वसूली में लिप्त पाये जाने वाले चौकी इंचार्ज सहित पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था।
जानकारी के अनुसार बीती रात थाना कमालगंज के सिपाही कुणाल और धर्मेंद्र शिकायत के आधार पर मारपीट के आरोपी को थाने में पकड़ लाये। थाने लाकर शराब के नशे में धुत सिपाहियों ने रात्रि करीब ३.०० बजे आरोपी को कम्प्यूटर कक्ष में बंद कर पटों से उसकी जमकर पिटाई की। जिससे आरोपी के शरीर पर कई चोटें आयीं। दोनों सिपाहियों पर पीडि़त ने 40 हजार मांगने का भी आरोप लगाया। हालांकि आरोपी का कहना था कि नियमानुसार जो भी कार्यवाही बनती हो वह आप कीजिए, लेकिन मानवाधिकार का उल्लंघन मत कीजिए, लेकिन सिपाहियों का दिल नहीं पसीजा। सिपाहियों ने कहा कि अगर ४० हजार रुपये नहीं दोगे, तो तुम्हें तमंचा लगाकर जेल भेज देंगे। अगर देखा जाये, तो अपराध और अपराधी यहीं से जन्म लेते हैं। पुलिस सीधे साधे लोगों को गुंडा बना देती है और इतने मुकदमा लाद देती है, तो कि वह गैंगेस्टर बन जाता है। जबकि शासन के निर्देश हैं कि पीडि़तों को न्याय दिलाया जाये। साथ ही अपराधियों को जो भी सजा बनती हो, वह नियमानुसार दी जाये। बीते महीने लकूला क्षेत्र में पुलिस ने मानवता को ताख पर रखकर कादरीगेट के एक दरोगा ने स्वयं महिला की थप्पड़ों से जमकर पिटाई की थी। जबकि कानून के हिसाब से महिलाओं को पकडऩे व बात करने का अधिकार महिला पुलिस के पास सुरक्षित है। अगर देखा जाये, तो खाकी लोक सेवक का अर्थ ही भूल गयी है। ऐसे में कानून व्यवस्था तार-तार होती नजर आ रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *