पशुओं के लिए हो रही चारे की समस्या
अमृतपुर, समृद्धि न्यूज। गंगा नदी के जलस्तर में आंशिक कमी आने से लोगों ने कुछ राहत की सांस ली है, लेकिन मुश्किलें अभी भी बरकरार है। ग्रामों में अब संक्रामक बीमारियों नें पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। बाढ़ के पानी से भरे हुए क्षेत्र में अब तेजी से संक्रामक बीमारियां फैल रही हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम भी अलर्ट दिखाई दे रही है। खेतों मे पानी भरे होने से पशुपालकों के सामने पशुओं के चारे की समस्या हो रही है। उफान मार रही गंगा नदी की बाढ़ का पानी खेतों से होते हुये गांवों मे घुस गया था। शनिवार से गंगा नदी के जलस्तर मे आंशिक कमी दर्ज की गई। जिससे लोगों ने राहत की सांस ली है, लेकिन कुछ गांवों मे बाढ़ का पानी भरे होने से लोगों मे बीमारियां उल्टी, दस्त, पेट दर्द, खाज, खुजली, बुखार आदि फैल रहे है। जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य टीमों को बाढ़ प्रभावित गांवों में जाकर दवाइयां वितरित करने के निर्देश दिए हैं। तहसील प्रशासन द्वारा आधा दर्जन से अधिक गांवों को आवागमन के लिए नाव उपलब्ध कराई गई है। संपर्क मार्गों पर पानी भरा होने से आशा की मड़ैया, मंझा की मड़ैया, अंबरपुर जोगराजपुर, जगतपुर, कलट्टरगंज की बगिया आदि गांवों के लोग पानी से होकर आवागमन करने को मजबूर हैं। जल स्तर के घटने और बढऩे के चलते पशुपालकों को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। उनके पशुओं में अनायास ही कई बीमारियां पनपने लगी हैं। जिसके चलते पशुपालकों के मस्तक पर चिंता की लकीरें देखी जा सकती है। राजेपुर चिकित्साप्रभारी आरिफ सिद्दीकी ने बताया है कि उनकी टीम अलर्ट है। उनकी टीम द्वारा लगातार बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में कैंप लगाकर लोगों को दवाई मोहिया कराई जा रही हैं। उनकी टीम लगातार बाढ़ पीडि़तों को हर संभव मदद प्रदान कर रही है।