कम्पिल, समृद्धि न्यूज। गंगा में जलस्तर बढऩे से बाढ़ का पानी तटवर्ती गांवों में पहुंचने से ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। संपर्क मार्ग पर पानी भरने से स्कूल जाने वाले बच्चे उसमें घुसकर निकल रहे हैं। स्कूल जा रहे मासूम कभी भी अनहोनी का शिकार हो सकते हैं।
क्षेत्र के गांव टपुआ चौड़ेरा की आबादी 700 के आसपास है, लेकिन यहां कोई विद्यालय न होने से इस गांव के विद्यार्थी दूसरे गांवों में स्थित स्कूल में पढऩे जाते है। गंगा में आई बाढ़ से दूसरे गांव जाने के सभी मार्गो में पानी भरने से आवागमन बंद हो गया है। टपुआ चौड़ेरा गांव के करीब तीन दर्जन से अधिक छात्र छात्राओं का नामांकन पांच किमी दूर कमरूद्दीन नगर व रौकरी के विद्यालयों में है। विद्यालय जाने के लिए इन सभी छात्रों को बाढ़ के पानी से गुजरना पड़ता है। इस दौरान बच्चों के स्कूल बैग और किताब, कापी भींगने का भी डर रहता है। इसके साथ ही अधिक बारिश होने पर गंगा की धारा तेज होने पर नदी पार कर स्कूल जाना भी मुश्किल हो जाता है। जिससे बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं। इस गांव के ग्रामीणों की मांग है कि गांव में स्कूल बनवाया जाए। जिससे कि बच्चों को पढाई की समस्या न आए। ऐसा नहीं है कि ग्रामीणों ने अपनी समस्या को उच्चाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को अवगत भी कराया, लेकिन सिवाय आश्वाशन के कुछ हाथ नहीं आया।