नवाबगंज, समृद्धि न्यूज। नगर पंचायत के अधीन चल रही गौशाला में एक और गाय की तड़प-तड़पकर मौत हो गई। सूचना मिलने पर देर शाम तक कोई मरी पड़ी गाय को देखने तक नहीं आया। नगर पंचायत के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ ही अधिशासी अधिकारी की ढुलमुल नीति और लापरवाही के चलते अन्य कई स्थानों पर भी अवस्थाओं का बोलबाला है।
कस्बे से सटे दुनाया रोड पर बनी नगर पंचायत की गौशाला में चल रहे फर्जीवाड़े के कारण गौवंशों को भर पेट चारा नहीं मिल पाता। साफ-सफाई न रहने के कारण गंदगी के चलते गौवंशों में संक्रमण फैलने की संभावना बनी रहती है। इसी दुर्दशा के चलते मंगलवार को सुबह एक गाय की मौत हो गई और एक मरणासन तड़प रही है, लेकिन न ही मृत गाय के शव को उठवाया गया और न ही तड़पती दूसरी गाय जिसे उपचार की आवश्यकता है को अस्पताल पहुंचाया गया। गौशाला में 67 गौवंश है और सभी दुर्दशा के शिकार है। इनकी न तो कोई सुध लेने वाला है और न इनकी बीमारी की किसी को चिंता है।
बीते माह सरकार ने गौवंशों को अस्पताल पहुंचाने के लिए प्रत्येक जनपद में एंबुलेंस मुहैया करायी थी, लेकिन यह एंबुलेंसे अब सफेद हाथी साबित हुई हैं। रोस्टर के हिसाब से वहां 10 ग्राम प्रधानों की सूची चस्पा है। जिसमें एक प्रधान का 3 दिन का सेवा दान लिखा हुआ है। गोपालकों के अनुसार आज तक कोई ग्राम प्रधान वहां गायों को देखने भी नहीं गया है और ना ही अधिशासी अधिकारी देखने नहीं जाते, एक या दो गोपालक 67 गोवंशों को कैसे संभाल सके, जबकि शासनादेश के अनुसार अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि यदि कोई भी गौवंश बीमार अवस्था में पाया जाए तो उसके लिए समुचित इलाज की व्यवस्था तत्काल प्रभाव से कराई जाए, लेकिन ना तो उनके संमुचित इलाज की व्यवस्था है और ना ही उनको कोई देखने वाला है।