पीआरडी विभाग में भर्ती के नाम पर करोड़ों का घोटाला, जांच शुरु.

*बिना भर्ती के 1220 जवान नौकरी करते पकड़े गये
*अपर मुख्य सचिव, युवा कल्याण तथा महानिदेशक नवनीत सहगल बोले दोषियों पर होगी कार्यवाही
*गलत तरीके से भर्ती किये गये जवानों को परमानेंट करने की विभाग कर रहा है तैयारी

फर्रुखाबाद/नवाबगंज, समृद्धि न्यूज।
पीआरडी विभाग मेंं 95 कर्मचारियों की ड्यूटी में बड़ा खुलासा हुआ था। उच्च स्तर के अधिकारियों द्वारा मोटी रकम वसूल कर 31 कर्मचारियों को परमानेंट कराया गया। इन पर किसकी मेहरबानी है, यह निष्पक्ष जांच होने पर ही पता चल सकेगा। अपर मुख्य सचिव, युवा कल्याण तथा महानिदेशक, युवा कल्याण एवं प्रान्तीय रक्षक दल नवनीत सहगल ने बताया कि फर्रुखाबाद ही नहीं पूरे प्रदेश में फर्जी तरीके से 1220 जवान भर्ती किये गये। मामला संज्ञान में आने पर जांच करायी जा रही है।
थाना क्षेत्र नवाबगंज पीआरडी विभाग में बीते कई महीनों से 95 कर्मचारी ड्यूटी पर चल रहे थे। जिसमें लगातार उनके ही कर्मचारियों द्वारा बताया जा रहा था कि 64 कर्मचारी पूर्ववत लगे हुए हैं। जिनकी ही ड्यूटी मान्य है। जिला कार्यालय के एक कर्मचारी द्वारा मोटी रकम लेकर फर्जी तरीके से ड्यूटी लगा दी गई और मानदेय भी निकाला गया।
दिसम्बर माह में नवाबगंज ब्लाक परिसर में प्रत्येक शुक्रवार को होने वाली परेड में एक महिला की शिकायत पर अभिलेखों की जांच पड़ताल करने पर पता चला कि 3 दर्जन लोग की भर्ती फर्जी पायी गई। जिसका समाचार हमारे समाचार पत्र ने प्रमुखता से छापा। जिला युवा कल्याण अधिकारी देवेन्द्र सिंह ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया हो कि वर्ष 2018 से भर्ती कोई आदेश नहीं आया और बिना शासन के कोई भर्ती नहीं होगी, लेकिन गुपचुप तरीके से जांच पड़ताल शुरु कर दी और प्रत्येक शुक्रवार को होने वाली परेड को बंद करा दिया। कई पीआरडी जवानों का कहना है कि जिले पर बैठे अधिकारियों को यह भय सताने लगा कि कहीं उनकी पोल न खुल जाये, इसलिए परेड को बंद करा दिया। जिला कार्यालय अधिकारी भले ही मीडिया के सामने पाक साफ होने की बात कह रहे है, लेकिन अंदर जो खिचड़ी पक रही है वह कुछ और ही है। सूत्रों की मानें तो कार्यालय में स्थित जीतू नामक बाबू ने जो भी फर्जी पीआरडी पाये गये उन सभी को लखनऊ ले जाकर स्थाई कराने की प्रक्रिया शुरु कर दी है। नवाबगंज ब्लाक से मिली खबर के अनुसार स्थाई कराने के लिए मोटी रकम ली गई, लेकिन खुलकर कोई बोलने को तैयार नहीं है। जबकि विभाग की मानें शासन द्वारा भर्ती निकालने पर समाचार पत्र में विज्ञप्ति प्रकाशित करायी जाती है और शासन के नियमानुसार पीआरडी की भर्ती होती है, लेकिन वर्ष 2018 से आज तक कोई भर्ती निकली ही नहीं। सभी कर्मचारियों का डाटा फीडिंग किया गया है। इस सूची में वही कर्मचारी है जिनकी सूची शासन स्तर पर मौजूद है। पूजा नाम की महिला का कहना है कि मैंने लिखित शिकयत की थी कि मुझे पीआरडी में लगवाने के लिए एक जवान ने मोटी रकम ली, लेकिन वर्दी आज तक नहीं दी। मेरी शिकायत पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।
इस संदर्भ में जब अपर मुख्य सचिव, युवा कल्याण तथा महानिदेशक, युवा कल्याण एवं प्रान्तीय रक्षक दल नवनीत सहगल से बात की तो उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश के कई जिलों में बिना भर्ती प्रक्रिया के जिला स्तर पर पीआरडी की भर्ती कर ली गई। जिनकी संख्या 1220 सामने आयी है। जिन लोगों ने ड्यूटी की है उनके कागजात देखे जा रहे हैं। सही पाये जाने पर उन्हें स्थाई कर दिया जायेगा। जब यह पूछा गया कि शासन ने कोई भर्ती का आदेश ही नहीं दिया तो इन्हें कैसे स्थायी कर लिया जायेगा और फर्जी तरीके से की गई भर्ती के दौरान जो मानदेय निकाल लिया गया है उसका क्या। इस पर बोले कि पूरे मामले की जांच करायी जा रही है। जिन्होंने ड्यूटी की है उनका कोई दोष नहीं है, लेकिन जो भी अधिकारी इसमें दोषी पाये जायेंगे उनके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *