संकिसा बसंतपुर में भारी पड़ रहे निर्दलीय प्रत्याशी

मेरापुर । बौद्ध तीर्थ स्थल संकिसा बसंतपुर में नव गठित नगर पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में नाम वापिसी के बाद अब तश्वीर साफ होती नजर आने लगी है, यहां पर अब तक की पड़ताल में निर्दलीय प्रत्याशी सपा,बसपा,भाजपा, कांग्रेस आदि पार्टियों पर भारी दिखाई पड़ रहे हैं। कुछ सजातीय प्रत्याशी भी मैदान में होने से अब तक जिताऊ माने जा रहें हैं। दो प्रत्याशियों के समर्थकों के माथे पर बल पड़ गए है। नव गठित नगर पंचायत संकिसा बसंतपुर में कहने को तो आम आदमी पार्टी सहित कांग्रेस, भाजपा, सपा, बसपा तथा 14 निर्दलीय प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं। पर नाम वापसी के बाद अब तश्वीर साफ होती नजर आने लगी है। सबसे ज्यादा भाजपा तथा सपा पार्टी की नींद उनके सजतीय निर्दलीय प्रत्याशी ही उड़ाने के काम मे लग गये है। भाजपा प्रत्याशी को जिताने की कमान भाजपा के दिग्गज नेताओं तथा उनके संगठन ने बहुत पहले ही सम्भाल ली थी, पर बाहरी ठप्पा लगा होने से लोग तिराहे चौराहे एवं चौपालों में ये भी चर्चा करने लगते हैं अगर प्रमुख दो पार्टियों के प्रत्याशियों पर बाहरी होने का ठप्पा न लगा होता तो निर्दलियों के हौसले बुलंद न होते। अब तो लोग चर्चा करने लगे है कि सत्ता के चाटुकारों की भीड़ ही केवल उनके साथ दिखाई पड़ती है सबसे ज्यादा निर्दलीय प्रत्याशी सपा प्रत्याशी की नींद उड़ाने में लगे है।एक जगह से 5 सजातीय बन्धुओं ने अध्यक्ष पद पर पर्चा फाइल कर उन्हें सबक सिखाने की कसम खाई है। एक सजातीय प्रत्याशी फूल के लिये काटें बनकर मैदान में आ गये हैं। उन्होंने वाकायदा अपना चुनाव प्रचार भी शुरु कर दिया है। पर्चा वापिसी तक वह एक दम भूमिगत हो गये थे। उनका पर्चा वापिसी के लिये समर्थकों ने दिन रात एक कर दिया था पर वह किसी भी कीमत पर नेताओं के सामने नहीं आये। बरहाल चुनावी ऊंट किस करवट बैठेगा यह अभी नहीं कहा जा सकता पर निर्दलीय प्रत्याशी सभी राष्ट्रीय दलों पर भारी पड़ते दिखाई दे रहे हैं। एक राष्ट्रीय दल के प्रत्याशी ने दो दो जगहों अपना चुनाव कार्यालय खोल रखा है। एसी में रहने वाले नेतागण अब नगर की गलियों में घूम रहे हैं। मतदाताओं को डर है कि कुछ बाहरी नेता चुनाव बाद अपने घर अस्थाई कार्यालय बनाकर वहीं से नगर पंचायत का संचालन करेंगे।

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