जो लोग सनातन की परिभाषा नहीं जानते वही गाल ज्यादा बजाते हैं: स्वामी प्रसाद

मेरापुर, समृद्धि न्यूज। रविवार को बरसावास के उपलक्ष्य में बौद्ध एकता समिति गंजडुंडवारा द्वारा बौद्ध नगरी संकिसा स्थित महासमता बोधि पुस्तकालय में भिक्षु गणों को भोजनदान व संघदान कराया गया। भोजन दान के बाद कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्वामीप्रसाद मौर्य बोले कि तथागत भगवान बुद्ध के संदेशों की गूंज पूरी दुनियां में हर जगह सुनाई देती है। रूस सहित पचासों देश बुद्ध के रास्ते पर चल रहे हैं। जबकि रूस में कम्युनिस्ट सरकार है। चालीस प्रतिशत रूसी जनता बौद्ध धर्माबलम्बी हो गई है। 563 ईसा पूर्व बुद्ध का जन्म हुआ था पर उनके विचार, सन्देश, दर्शन, पंचशील सिंद्धात आज भी मौजूद एवं व्यवहारिक है। बुद्ध के समय जो दर्शन था वह आज भी जीवन्त है। वही व्यवहारिक व सत्य है शास्वत है और यही सनातन है। जो लोग सनातन की परिभाषा नहीं जानते वही गाल ज्यादा बजाते हैं। यह सनातन नहीं यह देश के लिये कैंसर की बीमारी है। बौद्ध धर्म ने मानव-मानव एक समान का संदेश दिया है। हम इंसान में भेदभाव नहीं कर सकते। दुनियां में हर जगह बच्चे की पैदाइश मां से ही होती है। पर ब्राह्मण ब्रह्मा के मुख से पैदा हुआ ये गलत है। इस अवसर पर महासमता बोधि पुस्तकालय संकिसा के प्रमुख भिक्षु चेतसिक बोधि, भिक्षु उपनंद थैरो, भिक्षु शीलवंश, बोध्द एकता समिति गंजडुंडवारा के अध्यक्ष कुलदीप शाक्य, अलकेश शाक्य तथा सपा जिलाध्यक्ष चंद्रपाल यादव, इलियास मंसूर आदि मौजूद रहे।

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