शमसाबाद नगर की गलियों में पड़ी आयरन की गोलियां, जिम्मेदार मौन

फार्मासिष्ट ने कहा बीआरसी शमसाबाद को उपलब्ध कराई गई थी गोलियां
शमशाबाद, समृद्धि न्यूज। दो दिन पूर्व पुरानी गल्ला गोदाम के बगल में खाली पड़ी जगह में जब गुजरने वाले लोगों ने आधा सैकड़ा से अधिक आयरन की गोलियों के डिब्बे पड़े देखे, तो लोगों में हडक़ंप मच गया। यह खबर नगर में आग की तरह फैल गई। देखते ही देखते मौके पर दर्जनों लोगों की भीड़ उमडऩे लगी। बताते हैं खाली पड़ी जगह में दो दिन पूर्व सुबह के वक्त लोगों ने आयरन फोलिक एसिड की गोलियों के सैकड़ों डिब्बे पड़े देखे, तो लोगों में तरह-तरह की चर्चायें होने लगीं। लोगों का कहना था आखिर यह यहां कहां से आए आयरन की गोलियो के डिब्बे। बताते हैं यहां लगभग आधा सैकड़ा से भी ज्यादा आयरन फोलिक एसिड गोलियों के डिब्बे पड़े हुए थे। जब इसकी जानकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शमशाबाद के कर्मचारियों को हुई, तो मौके पर अस्पताल कर्मी पहुंच गए और बिखरे पड़े दवाईयो के डिब्बे अपने साथ ले आए। जो दवाइयों के डिब्बे पड़े मिले हैं उन पर एक्सपायरी डेट 3/2025 पड़ी हुई है।
बताते है अस्पताल कर्मी सभी डिब्बों को इकठ्ठा कर ले बोरी में भर कर ले गए हालाकि जब उक्त प्रकरण की जानकारी अस्पताल कर्मियों से की गई, तो फार्मासिस्ट विजय यादव का कहना था कि कुछ दिन पूर्व आयरन फोलिक एसिड की गोलियां बीआरसी शमसाबाद को दी गई थीं। उन्होंने बताया बच्चो में खून की कमी न हो इसलिए यह गोलियां 14 वर्ष तक के बच्चों को खिलाई जाती हैं। आयरन की गोलियों के डिब्बे वहां कैसे पहुंचे यह जांच का विषय है। मालूम रहे विगत माह ढाईघाट शमशाबाद की गंगा नदी में पुल के नजदीक सुबह के वक्त लोगों ने सरकारी दवाइयों का जखीरा पड़ा देखा था। इस जखीरे को लेकर लोगों ने तरह-तरह की चर्चा की थी।

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