क्षेत्र का नहीं, बल्कि प्रधान व अधिकारियों का हो रहा मनरेगा से विकास

ग्राम पंचायत कुंआखेड़ा खास में 12 दिनों से कागजों में ही चल रहे 39 मजदूर
शमशाबाद, समृद्धि न्यूज।
सरकार ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए जहां एक ओर ग्रामीण विकास निधि में लाखों का बजट उपलब्ध करा रही है, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों की विकास के जरिए शक्ल सूरत बदली जा सके। मगर भ्रष्टाचार के दलदल में फंसे कुछ जनप्रतिनिधि जो आज भी सरकार के अरमानों पर पानी फेरते हुए शासन की मंशा को पलीता लगा रहे हैं। इतना सब कुछ होने के बावजूद भी भ्रष्टाचार का दायरा बढ़ता ही जा रहा है। प्रधान प्रतिनिधि सरकारी धन का बंदरबाट कर लाखों रुपए के बारेन्यारे कर अपना विकास कर रहे हैं।

ऐसा ही एक उदाहरण विकास खंड शमसाबाद क्षेत्र की ग्राम पंचायत कुआंखेड़ा खास में देखने को मिला। जहां ग्राम प्रधान द्वारा मनरेगा के तहत चकरोड पर पिछले 12 दिनों से 39 मजदूरों के सहारे मिट्टी का कार्य होना दर्शाया जा रहा, जो सिर्फ कागजों तक ही सीमित है। जमीनी हकीकत कोसों दूर है। चकरोड जिस पर मिट्टी का कार्य दर्शाकर लाखों रुपए का बंदरबांट किया जा रहा। ग्रामीणों की मानें तो इसी ग्राम सभा के ग्राम प्रधान फैजुन द्वारा मनरेगा के तहत चकरोड पर मिट्टी का कार्य होना दर्शाया गया। बताते है ग्रामीण खुशीराम के खेत से अलीगढ़ तक मिट्टी का कार्य पिछले 12 दिनों से 39 मजदूरों के सहारे होना दर्शाया जा रहा जो जमीन हकीकत से कोसों दूर है। सारे काम सिर्फ कागजों में हो रहे हैं। मामले की जांच पड़ताल के लिए जब ग्रामीणों से जानकारी की तो ग्रामीणों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया ग्राम प्रधान भले ही कागजों में पिछले 12 दिनों से 39 मजदूर लगाकर चकरोड पर मिट्टी का कार्य दर्शाया जा रहा हो, लेकिन हकीकत में यह कार्य सिर्फ कागजों तक ही सीमित है। ज्ञात हो कि विकास खंड में इस समय लगभग एक दर्जन से अधिक ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है। जिसमें मुख्य रूप से नटवारा, असगरपुर, अरियारा, कुइयांखेड़ा, खुडिऩा, धमगवां, खगऊ, सैदपुर रहमादादपुर सहित कई ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों के अनुसार व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर कई बार उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई।

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