शमशाबाद, समृद्धि न्यूज। ढाईघाट शमशाबाद की गंगा कटरी क्षेत्र में हर वर्ष बाढ़ जो एक भयानक तबाही लेकर आती और जब तक बाढ़ का सैलाब रहता तब तक तबाही का दौर चलता और जाते जाते बाढ़ यहां बड़े पैमाने पर तबाही के निशान छोड़ जाती है। बरसात के मौसम में एक लंबे समय तक तबाही का दौर चलता है। इस तबाही से गांव की गालियां ही बर्बाद नहीं होती आने जाने के रास्ते भी बर्बाद हो जाते। साथ ही मुख्य मार्ग के अलावा आसपास क्षेत्र में कृषि योग्य भूमि बर्बाद हो जाती है। हजारों लाखों रुपए की कीमत से तैयार की गई फसलें भी जलभराव का शिकार हो जाती हैं। अफसोस यहां हर वर्ष लोगो को ऐसे ही हालात देखने को मिलते है। हर वर्ष की तरह इस बार भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला। बताते हैं गंगा कटरी क्षेत्र में बाढ़ के सैलाब से आधा दर्जन से अधिक गांव के लोग घर मकान छोडक़र सुरक्षित स्थानों पर पलायन कर गए। जो अभी भी शमशाबाद-शाहजहांपुर मार्ग पर ग्राम चौराहार के निकट झुग्गी झोपड़ी बनाकर जीवनयापन कर रहे हैं। एक लंबे समय बाद जब धीरे-धीरे बाढ़ गंगा की आगोश में समाने लगी, तो बाढ़ की तबाही का मंजर साफ.-साफ नजर आने लगा। बताते हैं बाढ़ थमने के बाद धीरे-धीरे लोग गांव और घरों में लौटने लगे, लेकिन गांव के आसपास बर्बादी का नजारा देख गरीब मजदूर किसान हर कोई हैरान है, क्योंकि जिस तरह जिंदगी बेपटरी हुई पुन: पटरी पर लाने के लिए अब कड़ा संघर्ष करना होगा। नए सिरे से व्यवस्थाएं करनी होंगी। बताते हैं गंगा कटरी क्षेत्र के गांव पैलानी दक्षिण जहां सेतु निगम द्वारा बाढ़ की तबाही को रोकने के लिए तटबंध बनाए गए थे। बोरियों में मिट्टी बालू भरकर इसलिए तटबंध बनाए गए थे ताकि बाढ़ की तबाही यहीं तक सीमित रहे। ग्रामीणों के अनुसार जब से पानी कम हुआ तब से कटान जैसे हालात देखे जा रहे। ग्रामीणों का कहना आधे से भी ज्यादा तटबंध कटान की भेंट चढ़ चुके हैं। इसके बाबजूद कटान जारी है। चिंतित ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान के माध्यम से प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत कराया है।