समर्थन में निजी मोटर्स चालकों ने खड़े किये वाहन, राजस्व को करोड़ों की क्षति
हड़ताल लम्बी खिंची तो आम जनता पर पड़ेगा असर
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। केंद्र सरकार द्वारा सडक़ हादसों पर नियंत्रण करने के लिए हिट ऐंड रन कानून में बदलाव किया जा रहा है। इसी के विरोध में परिवहन विभाग के अलावा निजी चालकों ने हड़ताल कर दी। जिससे बसों में यात्रा करने वाले यात्रियों को इस भीषण सर्दी में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वहीं माल की ढुहाई भी ठप हो गई है। यदि हड़ताल लम्बी खिंची तो सरकार पर कोई पर्क पड़े या न पड़े, लेकिन गरीब आदमी पर महंगाई की मार पड़ सकती है। केंद्र सरकार द्वारा इंडियन पैनल कोड- 2023 में हुए संशोधन के बाद हिट ऐंड रन के मामलों में दोषी ड्राइवरों की सजा को और कड़ा किया जा रहा है। दोष साबित होने के बाद 7 लाख रुपये तक का जुर्माना और 10 साल तक कैद का प्रावधान है। जिसके विरोध में सोमवार से निजी बस व रोडवेेज के चालकों ने हड़ताल कर दी।
शहर के लाल दरवाजा रोडवेज बसों का संचालन लगभग पूरी तरह से बंद है। इसके साथ ही निजी बसों के चालकों ने भी हड़ताल कर दी। जिससे यात्रियों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही माल वाहक वाहनों के खड़ा होने से भी सामान, सब्जी आदि भी तय समय से ना पंहुचने पर काफी नुकसान होगा। इससे पहले क्या था और अब क्या होगा? अभी हिट ऐंड रन केस को आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाना), 304ए (लापरवाही के कारण मौत) और 338 (जान जोखिम में डालना) के तहत केस दर्ज किया जाता है। इसमें दो साल की सजा का प्रावधान है। विशेष केस में आईपीसी की धारा 302 भी जोड़ दी जाती है। संशोधन के बाद सेक्शन 104 (2) के तहत हिट ऐंड रन की घटना के बाद यदि कोई आरोपी घटनास्थल से भाग जाता है। पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचित नहीं करता है तो उसे दस साल तक की सजा भुगतनी होगी और जुर्माना देना होगा। परिवहन विभाग के किसी भी अधिकारी ने अभी तक चालक-परिचालकों द्वारा की गई हड़ताल की पुष्टि नहीं की है। अधिकारियों के माने तो कर्मचारी नये साल के चलते जश्न मना रहे है, जिसके चलते वह ड्यूटी पर नहीं आये।