बिहार में जहरीली शराब से अबतक 25 मौतें हो चुकी हैं. छपरा के मशरक में मंगलवार-बुधवार को जहरीली शराब पीने से लगभग दो दर्जन लोग बीमार हो गए थे, जिनमें पांच लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है. वहीं, सीवान में अवैध शराब पीने से 20 लोगों की मौतें हुई हैं, जिसकी पुष्टि सीवान के एसपी अमितेश कुमार ने की है. घटना के बाद प्रशासन की नींद खुली है और सुबह से ही मशरक में जिलाधिकारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों का तांता लगा रहा. छपरा सदर अस्पताल में अभी 24 लोग भर्ती हैं, जिनमें कुछ लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है.
सारण में जिन लोगों की जहरीली शराब पीने से तबीयत बिगड़ी है, उनमें अधिकतर मशरक के ब्राहिमपुर गांव के हैं. छपरा सदर अस्पताल में भर्ती मुमताज अंसारी (उम्र 25), शमशाद अंसारी (उम्र 26 वर्ष), राजेन्द्र साह और धर्मेंद्र साह उन लोगों में शामिल हैं, जिनकी आंखों की रोशनी लगभग चली गई है. वहीं ब्राहिमपुर के ही इस्लामुद्दीन (35 वर्ष) की शराब पीने से मौत हो गई है. ये सभी युवा थे, जिनकी उम्र 25 साल से 35 साल के बीच थी. शराबबंदी वाले बिहार में इन युवाओं के हाथों में शराब की बोतलें कहां से आईं, ये सवाल स्थानीय लोग लगातार प्रशासन से पूछ रहे हैं. जिन मरीजों की शराब पीने से मौत हुई है, उनमें से कई ने मौत से पहले आंखों की रोशनी कम होने की शिकायत की थी. पहले इन्हें मशरक के ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल छपरा रेफर कर दिया गया. वहीं, सूचना पर सारण के डीएम अमन समीर, एसपी कुमार आशीष, मढ़ौरा एसडीओ डॉ प्रेरणा सिंह, डीएसपी नरेश पासवान और डीएसपी मशरक अमरनाथ दल बल के साथ गांव पहुंचे. यहां उन्होंने परिजन से मुलाकात की.