बिहार में बड़ा हादसा, सिद्धेश्वर धाम में मची भगदड़, 7 की मौत

जहानाबादः बिहार के जहानाबाद में सावन के चौथे सोमवार को मखदुमपुर के वाणावार के सिद्धेश्वर मंदिर में भगदड़ मच गई. सोमवारी को लेकर बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटे थे. इस हादसे में सात लोगों के मारे जाने की खबर है. जिले के डीएम ने श्रद्धालुओं की मौत की पुष्टी की है. जहानाबाद के सिद्धेश्वर मंदिर में सावन के चौथे सोमवार की वजह से भारी संख्या में पूजा के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी थी. मंदिर में भक्तों की लंबी-लंबी कतारें लगी हुई थी. पुलिस पुलिस के मुताबिक, इस मौके पर भगवान शिव को जलाभिषेक चढ़ाने के लिए मंदिर की ओर जाने वाले रास्ते पर सीढ़ी के पास अचानक भगदड़ मच गई. जिसमें दबकर श्रद्धालुओं की मौत हो गई. उनके शवों को जहानाबाद सदर अस्पताल लाया गया है. इसके साथ ही कई लोग घायल हुए हैं उन्हें भी अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहानाबाद डीएम अलंकृता पांडे ने कहा कि जहानाबाद जिले के मखदुमपुर में बाबा सिद्धनाथ मंदिर में भगदड़ में 7 लोगों की मौत हो गई और 9 घायल हो गए हैं. हम हर चीज पर नजर रख रहे हैं और अब स्थिति नियंत्रण में है. तो वहीं, एसएचओ दिवाकर कुमार विश्वकर्मा ने कहा कि डीएम और एसपी ने घटनास्थल का दौरा किया. वे स्थिति का जायजा ले रहे हैं. हम परिवारों (मृतकों और घायलों के) से मिल रहे हैं और उनसे पूछताछ कर रहे हैं. पुलिस ने कहा कि लोगों (मृतकों) की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं, इसके बाद शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जाएगा. हादसे में कुल 7 लोगों की मौत हो गई है. अन्य लोगों का इलाज जारी है.

डीएम और एसपी ने घटनास्थल पर पहुंचे
जहानाबाद के थानेदार दिवाकर कुमार विश्वकर्मा ने कहा कि हादसे के बाद डीएम और एसपी ने घटनास्थल पर पहुंचे हैं। वह हालात का जायजा ले रहे हैं। अब तक सात लोगों की मौत की सूचना मिली है। हमलोगों मृत और घायल लोगों के परिजनों से मिल रहे हैं और पूछताछ कर रहे हैं।

पुलिस-प्रशासन पर गंभीर आरोप
वहीं मखदुमपुर निवासी कृष्णा कुमार ने दावा किया है कि सात से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। उन्होंने आरोप लगाया कि जहानाबाद सदर अस्पताल में कोई विधि व्यवस्था नहीं है। इतना ही नहीं जहानाबाद पहाड़ पर भी प्रशासन की ओर से पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं। केवल चार-पांच पुलिसकर्मी किनारे-किनारे खड़े थे। कोई देखरेख करने वाले नहीं होने के कारण दर्शन करने वाले श्रद्धालु मनमानी कर रहे थे। धक्का-मुक्की करते हुए आगे बढ़ रहे थे। दो तरफ से रास्ता खुलने के कारण ऊपर काफी भीड़ हो जाती है। इसी कारण भगदड़ मची। मेरे परिवार से एक 20 साल की लड़की (निशा कुमारी) की मौत हो गई। एक लाश गाड़ी में पड़ी है। वह 35 साल के युवक की लाश है। अगर विधि व्यवस्था दुरुस्त रहती तो 35 साल का युवक नहीं मरता। एक मासूम बच्चे की मां मर गई है। वह रो-बिलख रहा है। उसे कोई देखने वाला है। एक-एक एंबुलेंस में चार-चार लोगों की लाशें लोड कर भेजी गई है।

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