मुंबई: गेटवे ऑफ इंडिया के पास बड़ा हादसा, समुद्र में पलटी यात्रियों से भरी नाव

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया के पास बुधवार को बड़ा हादसा हुआ. गेटवे ऑफ इंडिया के पास से दो नावें एलीफेंटा की ओर जा रही थीं, तभी इनमें से एक नाव नेवी की नाव से टकरा गई. टक्कर लगते ही इनमें से नाव समुद्र में पलटने लगी. इस नाव में चालक दल  यात्री सवार थे. हादसे की सूचना मिलते ही नौसेना, जेएनपीटी, तटरक्षक बल, पुलिस और स्थानीय मछुआरों की नौकाओं की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. रेस्क्यू टीम ने नाव में सवार लोगों को बाहर निकाला,

नाव में चालक सहित 85 लोग थे सावर

पलटी नाव का नाम नीलकमल है. इस नाव में चालक सहित 85 यात्री सवार थे. BMC ने बताया कि उरण, कारंजा इलाके में नाव पलट गई. नौसेना, जेएनपीटी, तटरक्षक बल, पुलिस और स्थानीय मछुआरों की नौकाओं की मदद से बचाव अभियान शुरू कर दिया गया. हादसे की जांच भी का जा रही है. नाव में चालक दल समेत कुल 85 यात्री सवार थे. अब तक 80 लोगों को बचा लिया गया है और 5 लोग लापता हैं. अस्पताल में भर्ती पांच लोगों की हालत गंभीर थी. इनमें से तीन की मौत हो गई है. बाकी लोगों की हालत स्थिर है.

नेवी की नाव ने यात्री नाव में मारी टक्कर

नीलकमल बोट के मालिक राजेंद्र परते ने बताया कि नेवी की स्पीड बोट आई. उसने नाव को टक्कर मारी. वहीं हादसे की जानकारी मिलते ही इलाके की अन्य नावें मौके पर पहुंच गईं. उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. हादसे को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने कहा कि खबर मिली है कि एलिफेंटा जा रही नीलकमल नाव दुर्घटनाग्रस्त हो गई है. तत्काल सहायता के लिए नौसेना, तटरक्षक बल, बंदरगाह, पुलिस टीमों की नौकाएं भेजी गई हैं. हम जिला एवं पुलिस प्रशासन से लगातार संपर्क में हैं. सौभाग्य से नाव पर सवार अधिकांश लोगों को बचा लिया गया है. हालांकि, बचाव कार्य अभी भी जारी है.

रक्षा अधिकारी ने दी जानकारी
वहीं रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में जानकारी देते हुए एक रक्षा अधिकारी ने बताया कि नौसेना और तटरक्षक बल ने बड़े पैमाने पर बचाव अभियान शुरू किया है। नौसेना की 11 नावें और मरीन पुलिस की तीन नावें और तटरक्षक बल की एक नाव को इलाके में तैनात किया गया है।

बचाव अभियान में शामिल है चार हेलीकॉप्टर
रक्षा अधिकारी ने आगे बताया कि अन्य एक दर्जन से ज्यादा यात्रियों की खोज और बचाव अभियान में चार हेलीकॉप्टर शामिल है, वहीं इसमें स्थानीय पुलिस, जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह प्राधिकरण और इलाके के मछुआरे भी बचाव कार्य में शामिल हैं।

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