सुप्रीम कोर्ट ने कहा,- ऐसा प्रतीत होता है पतंजलि के काम में केन्द्र और राज्य सरकार दोनों का हाथ है.अब केंद्र सरकार को बताना होगा कि व्यापारी रामदेव की कंपनी पतंजलि, कोर्ट के आदेश के बावजूद किस तरह लगातार भ्रामक और गलत दावे करती रही है. योग की आड़ में अवैध व्यापार नहीं चलेगा.
सरकार ने पूरी छूट दी अपनी आंखें बंद कर ली थीं। सुप्रीम कोर्ट ने देश की सेवा की दलील पर कहा कि आप देश की सेवा करने का बहाना मत बनाइए, वही सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा,- आयुष मंत्रालय इस पर अपनी प्रतिक्रिया सौंपे,
कोर्ट ने पतंजलि, रामदेव, बालकृष्ण से कहा- कि आपको परिणाम भुगतने होंगे। अगर आपको माफी मांगनी होती तो आप शुरुआत में ही कहते की हमें माफ कर दे। हमने आपको यहा बोलने दिया यही काफी है। इसके बाद रामदेव की ओर से उनके वकील ने हाथ जोड़ कर माफी मांगते हुए कहा हम सुप्रीम कोर्ट से हाथ जोड़ कर माफी मांग रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट जस्टिस कोहली ने सुनवाई के दौरान रामदेव पर टिप्पणी करते हुए कहा आप चाहे कितने ही ऊँचे हों
लेकिन कानून आपसे ऊपर है। कानून की महिमा सबसे ऊपर है। कोर्ट ने कहा कि हमें हैरानी है कि इतना सब कुछ के बावजूद केंद्र सरकार ने अपनी आंखें क्यों बंद रखी? कोर्ट ने कहा पहली बार अपराध हो और फिर दूसरी बार भी वही अपराध हो तो इसकी वजह से उस अपराध गंभीरता और दंड दोनों बढ़ जाते हैं।