फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। धार्मिक अनुष्ठान के साथ 19वां श्रीमद् भागवत महापुराण तथा श्रीराम चरित मानस यज्ञ सप्ताह का शुभारम्भ हुआ। प्रथम दिवस की कथा में भगवत वक्ता दाताराम अग्निहोत्री ने श्रीमद् भागवत का शाद्विक अर्थ बताते हुए कहा कि जब व्यास जी ने पुराणों की रचना कर ली। तब नैमिषारण्य के 88 हजार ऋषियों के बीच सूत ऋषि आये उनको देखकर सभी ऋषि खड़े हुए और उनका आदर किया। भागवत का अर्थ मानस से जोड़ते हुए कहा कि जिस तरह मानस के तीन लोग श्रीराम-लक्षमण और सीता पंचवटी में एकांत में पूजा पाठ में लीन होते है, वैसे ही हमारे इस पंचतत्व से बनी पंचवटी स्वरुप शरीर में तीन लोगज्ञान, भक्ति और वैराग्य निवास करते है। ज्ञान भक्ति और वैराग्य की विस्तृत चर्चा की गई। मानस वक्ता डा0 रामबाबू पाठक ने मनु सतरुपा का कठिन साधना और मानव सृष्टि की संरचना पर निशद चर्चा की। उन्होंने कहा कि दस हजार वर्ष तक एक पैर पर खड़े रहकर तपष्या की। भगवान प्रकट हुए उन्होंने वरदान में मनु सतरुपा के पुत्र के रुप में आने का वरदान दिया। इस प्रकार मनु-सतरुपा की कथा सुनाई। संचालन महेश पाल सिंह उपकारी ने किया। परीक्षित की भूमिका महेश मिश्रा ने निभाई। व्यवस्था सर्वेश अवस्थी, उमेश मिश्रा, अखिलेश द्विवेदी, ऋषिपाल सिंह, अमित बाजपेयी, मैकूलाल मिश्रा, रामबाबू मिश्रा ने देखी।