फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। रामलीला मण्डल द्वारा रामबाग में चल रही रामलीला में भरत व राम का मिलन एवं शूपनखा द्वारा विवाह के लिए लक्ष्मण को प्रेरित करने पर नाक काटने की लीला का मंचन हुआ। ननिहाल से वापस लौटने के बाद जैसे ही भरत अयोध्या पहुंचे तो भ्राता राम को महल में न पाकर दुखी हुए और उन्हें खोजने के लिए वन की ओर निकल पड़े। वन पहुंचकर उन्होंने राम-लक्षमण से मिलकर आरजू की पुन: अयोध्या वापस चले। राम के समझाने के बाद भरत मान गये और उनकी चरण पादुका लेकर वापस अयोध्या लौट आये और सिंहासन पर चरण पादुका रखकर उनके वनवास से वापस आने की प्रतिक्षा करने लगे। वन में शूपनखा नाम की राक्षसी ने अपना रुप बदलकर राम को विवाह के लिए प्रेरित किया तो राम ने बताया कि मैं विवाहित हूं तो शूफनखा ने लक्षमण से विवाह को लेकर जिद करने लगी। इतने में लक्षमण क्रोधित होते हुए शूफनखा के नाक को शरीर से अलग कर दिया। इस अपमान को वह सह न सकी और रोते-बिलखते अपने भाई रावण के पास पहुंची और पूरी घटना को बताया, तभी रावण ने सीता का अपहरण करने का ठान लिया। इस दौरान लीला में बड़ी संख्या में दर्शक मौजूद रहे। पात्रों ने अपनी भूमिका अदा करते हुए लीला का मंचन किया।