संकिसा, समृद्धि न्यूज। गुरुवार को बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर धम्मालोको बुद्ध बिहार संकिसा परिसर से डा0 धम्मपाल महाथैरो ने भगवान बुद्ध की तीन झांकियों की धम्म यात्रा को ढोल नगाड़े के साथ पंचशील ध्वज फहराकर स्तूप के लिए रवाना किया। धम्म यात्रा के साथ मेरापुर थाना प्रभारी नवीन कुमार सिंह भारी पुलिस फोर्स के साथ मौजूद रहे। संकिसा गांव में रोड़ के किनारे बने घरो की छतों पर सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस मुस्तैद रही। जब तक सूरज चांद रहेगा तब तक बौद्ध धर्म का नाम रहेगा। मानव-मानव एक सामान आदि नारेबाजी करते हुए बौद्ध अनुयाई तीन झांकियों की धम्म यात्रा के साथ स्तूप पर पंहुचे। स्तूप के तीन चक्कर लगाए, जिसके बाद शाक्य मुनि बुद्ध बिहार राजघाट संकिसा के संस्थापक डा0 धम्मपाल महाथैरो ने अगरबत्ती मोमबत्ती जलाकर बुद्ध वंदना कराई। शाक्य मुनि बुद्ध बिहार राजघाट संकिसा के संस्थापक डा0 भिक्षु धम्मपाल महाथैरो ने बताया कि आज के दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था और आज के ही दिन उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ था तथा आज के ही दिन महापरिनिर्वाण हुआ। इसे त्रिविध पावन पूर्णिमा कहते हैं। बुद्ध के 84 हजार उपदेशों का पठन-पाठन हुआ। बुद्ध पूर्णिमा सभी बौद्ध देशों में मनाई जाती है। आज के दिन बौद्ध बिहारों में जाकर बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाती है। भगवान बुद्ध ने बुद्ध पूर्णिमा को संकिसा में 48 उपदेश दिए थे। जो अभिधम्म पिटक में सुरक्षित रखें हैं। बुद्ध का धर्म शील समाधि प्रज्ञा पर आधारित है। इस लिए इस पूर्णिमा के अवसर पर बौद्ध उपासर बौद्ध बिहारों में जाकर उपदेशों का पठन-पाठन करते हैं। इस दौरान भिक्षु चेतसिक बोधि आदि बौद्ध भिक्षुओं के अलावा सैकड़ों बौद्ध उपासक मौजूद रहे।