फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। सिंधी समाज की महिला मंडल ने डा0 मिर्ची लाल के बगीचा पुराना कोठा पार्चा में भारतीय सांस्कृतिक के आधार पर सिंधी, गुजराती, पंजाबी वेशभूषा में दुर्गा माता की आराधना एवं संत झूलेलाल की आरती के साथ गरबा डांडिया, भाव नृत्य प्रस्तुत किया। मुख्य अतिथि के रूप में प्रधानाचार्या बीना दुबे एवं मुखिया लक्ष्मी डमानी ने मां दुर्गा की आरती एवं संत झूलेलाल का पूजन बंधन किया।
मुख्य अतिथि बीना दुबे ने सिंधी समाज द्वारा जागृति एवं भारतीय संस्कृति एवं संस्कार युवाओं में देने के लिए सराहना कि वर्तमान समय में यूरोपियन देशों की संस्कृति जो डांडिया के नाम पर फुहड़पन है। वही पर भारतीय संस्कृति सिंधी, पंजाबी, गुजराती लोक संगीत में सिंधी समाज की महिलाएं जागृति का कार्य कर रही है। उन्होंने गरबा नाइट के भाव नृत्य प्रतियोगिता जिसमें भारतीय परिधान एवं भाव नृत्य संगीत में जजों द्वारा प्रतिभागियों बच्चों किशोरियों एवं वृद्धजनों को प्रोत्साहन स्वरूप पुरस्कार भी दिए। डांडिया गरबा नाइट में सिंधी समाज की महिलाएं पायल, शिवानी, तनीषा बजाज, हर्ष बोरवानी, अंजू कृपलानी, रितु कृपलानी आदि महिलाओं ने रंग बिरंगी परिधान मोतियों से जड़े लहंगे, जारी के लहंगे, राजस्थानी, गुजराती लहंगे भव्य नृत्य पर सर्वश्रेष्ठ डांडिया पुरस्कार दिए गए। वहीं बच्चों को सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता, आध्यात्मिक एवं देशभक्ति के क्षेत्र में प्रश्न उत्तर की जवाब में ट्विंकल बुद्धवानी, ईशा लैगवानी, काजल पूर्वा बुद्धवानी बच्चों को पुरस्कृत किया। डांडिया गरबा में मां बेटी रिंकी शर्मा, बेटी देवांशी को सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में लोकगीत आयो लाल झूलेलाल, दमा दम मस्त कलंदर, अली का पहला नंबर, रंगीलो मारो ढोलना राजस्थानी गीत आदि लोकगीतों पर बच्चों, युवाओं, किशोरियों ने झूमझूम कर कार्यक्रम में समां बांध दी। कार्यक्रम की संयोजक रजनी लौगवानी, कोमल शर्मा, गरिमा लौगवानी, मीणा कृपलानी, हर्षा बुद्धवानी, कोमल बुद्धवानी, भावना बुद्धवानी आदि महिलाओं ने समाज की नारी शक्ति का स्वागत किया और समाज में युवाओं में अच्छे संस्कार देने के लिए सामाजिक महिलाओं को जागृत किया। रजनी लौगवानी ने सिंधी हिंदू सनातन संस्कृति को संरक्षण देने के लिए संकल्प लिया। कार्यक्रम की सुंदर एवं भव्य व्यवस्था संजय शर्मा, सुंदर दास, आत्माराम डवानी, ईश्वर दास शिवानी, रामेश्वर भेरवानी ने डांडिया मंडप की व्यवस्था की। संचालन कोमल शर्मा ने किया। कार्यक्रम का समापन मां दुर्गा की आरती एवं संत झूलेलाल के आरती के साथ हुआ।