माता-पिता को वृद्धावस्था में छोडऩे की बजाय अपने साथ रखना चाहिए: दीपा बहन

फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय जटवारा जदीद अंगूरी बाग सेवा केंद्र द्वारा रतन कोल्ड कादरीगेट में श्रीमद् भागवत गीता ज्ञान यज्ञ के द्वितीय अवसर पर राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी दीपा दीदी कुरुक्षेत्र का वर्णन युद्ध हिंसात्मक वह अहिंसक पर उन्होंने बहुत सुंदर आध्यात्मिक प्रवचन किया। उन्होंने कहा कि जब अर्जुन भगवान श्रीकृष्ण से मिलने पहुंचे तो उन्होंने भगवान को स्वीकार किया न की नारायणी सेना को, कौरव अर्थात दुर्योधन बुराइयों का प्रतीक है, अर्जुन अर्थात जो ज्ञान को अर्जन करने वाला है, जो अच्छाइयों से भरपूर है, जो काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार से परे है। जिसका साथी स्वयं भगवान हो उसे कौन हरा सकता है। माता-पिता को वृद्धावस्था में छोडऩे की बजाय अपने साथ रखना चाहिए। जिससे परिवार खुशहाल होता है। पांडव जो परमात्मा से इशारा लेकर अपना कार्य करें। बुद्धरूपी तरकश में ज्ञान रुपी बाण सुरक्षित रखें। अर्जुन का धर्म ध्वजा निष्ठा का प्रतीक है, जो मनोविकारों पर विजय प्राप्त करने के लिए परमात्मा की शरण में आते हैं, उनकी सब जगह विजय ही होती है। इंसान स्वयं का ही शत्रु या मित्र अपने कर्मों के आधार पर होता है। मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु काम विकार है। भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा उठो जागो और ज्ञान को प्राप्त करो, अर्थात स्वयं को आत्मा निश्चय कर परमात्मा को याद करो, शरीर क्षेत्र है, आत्मा क्षेत्रीय है जो अपनी इंद्रियों पर क्रोध पर जीत पाएगा वही अर्जुन है। 18 अक्षय योणी सेना कुरुक्षेत्र में दिखाई गई है। अर्थात इस समय सारा संसार कुरुक्षेत्र बन गया है। आपने कहा चित्र जल गए सदियों पहले परंतु चरित्र सदा गुलजार रहा। मूर्तियों की पूजा उनके चरित्र के कारण हो रही है। अस्त्र-शास्त्र पांचजन शंख अर्थात जो पांचो विकारों से मुक्त कर दे, हिंसक नहीं, अहिंसक किया गया। नकारात्मक संकल्प आने से मनुष्य कमजोर हो जाता है। व्यर्थ संकल्पों को आने ही नहीं देना है। सदा ही सकारात्मक रहे, गृहस्थ जीवन को छोडऩा नहीं है। एक दिन धन, दौलत, शरीर सब मिट्टी में मिल जाना है, ढूंढ लो ठिकाना। प्रियंका ने मैं तो शिव की पुजारिन बनूंगी, मैं तो भोले की जोगिन बनूंगी गीत पर सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया। ब्रह्माकुमारी राजयोगिनी शोभा दीदी ने आए हुए अतिथियों, भक्तों, श्रद्धालुओं का धन्यवाद ज्ञापित किया। ब्रह्माकुमारी भाई-बहनों ने व्यवस्था संभाली। इस अवसर पर रोशनी, सीमा, ज्योति, सुधा, हर्षिता, मिथिलेश, रिंकी, संतोष, मनोज, हरि निलेश, शरद, निराली, प्रियंका, जानवी, दीपिका, ज्योति, विजय, मोहित, अरविंद, सुधीर, रवि, गंगा सिंह, हेमचंद्र, प्रवीण, हुकुम सिंह, गोलू, सुआलाल मिश्र आदि लोग मौजूद रहे।

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