सर्च लाइट भवन में मनाया गया शिव बाबा का जन्मदिन
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। सर्च लाईट भवन बीबीगंज में त्रिमूर्ति शिव जयन्ती कार्यक्रम का आयोजन किया गया। केक काटकर शिव ध्वजारोहण एवं मोमबत्ती जलाकर शिव बाबा का जन्मदिवस मनाया गया। कार्यक्रम में डा0 अनीता यादव, ईश्वरदास ब्रह्मचारी महाराज, चेयरमैन वत्सला अग्रवाल, एसडीएम गजराज, बी0के0 मंजू एव सुरेश गाोयल ने भाग लिया। संचालन बीके पूनम बहन ने किया। बीके मिथलेश, बीके आशा बहन ने अतिथियों को बैच लगाकर पटुका उड़ाकर स्वागत किया।
मुख्य अतिथि एसडीएम गजराज ने सबको शिव जयंती पर संबोधन में कहा कि मनुष्य की सबसे बड़ी पूजा कर्म ही है, परन्तु हमें ईश्वर को नहीं भूलना चाहिए, क्योकि हम कर्म अपनी मनोवृत्ति के आधार पर करते है और उसी प्रमाण कर्म हमे सुखदाई अथवा दुखदाई फल प्रदान करते है। अतिथि वत्सला अग्रवाल ने कहा कि यह पर्व जीवन के सात्विक महत्व को दर्शाता है। शिव की भक्ति हमें संयम, ध्यान, त्याग, एवं उत्तम जीवन जीने की प्रेरणा देता है। जिस प्रकार राम मर्यादा के अवतार, कृष्ण प्रेम के एवं शिव करूणा के अवतार हैं। कार्यक्रम अध्यक्ष ईश्वरदास ब्रह्मचारी ने कहा कि गीता, शिवपुराण, महाभारत, यजुर्वेद में परमात्मा के अवतरण की बात दी गई है। शिवपुराण के 42वें अध्याय में लिखा है कि मै ब्रह्मा के ललाट से प्रकट होऊगा, सारे संसार पर कृपा करने के लिए शिव जी प्रकट हुए और उनका नाम शिव के साथ साथ रूद्र पड़ा। मुख्य वक्ता बी.के. मंजू बहन ने कहा कि आज संसार में लोग शिवरात्रि मनाते है, किन्तु हम सभी अपने पिता परमात्मा की जयन्ती अथवा जन्मदिवस मनाते है। जब किसी का आसमान से धरती पर अवतरण जन्म होता है तो हम उसका जन्मदिन मनाते है। उसी प्रकार कलियुग के अन्त में जब परमात्मा का अवतरण होता है उसी अवतरण को हम शिव जयन्ती अथवा जन्मदिवस के रूप में मनाते है। परमात्मा के इस धरा पर अवतरण हुए 88 वर्ष पूरे हो चुके हैं
बी0के0नीलम बहन ने कहा कि भारत को स्वर्णिम या रामराज्य बनाने के लिए तीन बाते सदा याद में रखे संस्कार, संस्कृति एवं संसार जब हम दैवीय संस्कारों को अपनाएगें तो दैवीय संस्कृति आएगी एवं जब दैवीय संस्कृति होगी तब ही स्वर्णिम संसार बनेगा। महेशपाल सोमवंशी ने कहा कि संसार में सबसे बड़ा दुख दरिद्रता, गरीबी है एवं सबसे बड़ा सुख संतो के मिलाप से प्राप्त होता है। कमलेश ने भी विचार व्यक्त किये।