श्रीकृष्ण व सुदामा मिलन की कथा सुन श्रोता हुए भावविभोर

फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। गंगा नगर में चल रहे १९वें धार्मिक अनुष्ठान के विश्राम दिवस पर श्रीमद् भागवत वक्ता पं0 दाताराम ने कंस वध और सुदामा चरित्र की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण को जब कंस को मारने के लिए महाराज उग्रसेन के बुलावे के अनुसार मथुरा गये और वहां जाकर कंस का वध किया। कथा में सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि संदीपन गुरु के यहां श्रीकृष्ण और सुदामा दोनों पढऩे गये। वहां दोनों की मित्रता हो गयी, तभी एक दिन गुरुमाता ने दोनों को चने बांधकर कहा कि वन से लकड़ी ले आओ और सर्दी के दिन थे। कृष्ण और सुदामा दोनों लोग वन गये। कुछ लोग पेड़ पर चढ़ गये और सुदामा लकड़ी बीनने लगे। सुदामा ने चने की पोटली खोलकर खाना शुरु किया। कटर-कटर की आवाज आयी तो कृष्ण ने पूछा कि सुदामा क्या कर रहे हो। सुदामा ने कहां की सर्दी से दांती कटकटा रहा हूं। कृष्ण ने चने की चोरी करने के कारण सुदामा को निर्धन होने का श्राप दे दिया। सुदामा निर्धन हो गये। फिर वह अपनी पत्नी सुशीला के कहने पर श्रीकृष्ण के पास द्वारिका पुरी गये। अपने साथ कुछ चावल भी ले गयेे। कृष्ण ने मु_ी से चावल खाकर सुदामा को इस लोक का स्वामी बना दिया। इस प्रकार मित्रता का बोध कराया गया। मानस वक्ता रामबाबू पाठक ने राम राज्याभिषेक की कथा सुनाई। प्रभु श्रीराम रावण का वध करने के बाद माता सीता के साथ पुष्पक विमान से अयोध्या आये। उधर भरत उनका इंतजार कर रहे थे। हनुमान जी ने राम-लक्ष्मण सीता के आने का समाचार दिया। अयोध्या में उत्सव मनने लगा और भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक के साथ उन्हे राजा बनाया गया। प्रथम तिलक वशिष्ठ मुनि कीन्हा के साथ राम राजा बने। सभी भक्तों ने कथा सुनी। संचालन महेश पाल सिंह उपकारी ने किया। इस मौके पर सर्वेश अवस्थी, अवधेश पाण्डेय, मनोज अग्निहोत्री, ऋषिपाल सिंह, अमित बाजपेयी, निर्दोष शुक्ला, अखिलेश द्विवेदी, मैकू लाल, दिलीप अग्निहोत्री, रामबाबू मिश्रा, बिहारी अग्निहोत्री, सुब्रत आदि लोग मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *