या हुसैन की सदाओं के बीच अकीदत से मना मुहर्रम

कमालगंज, समृद्धि न्यूज। मुहर्रम की दसवीं तारीख यौम-ए-आशूरा के दिन शहर में या हुसैन-या हुसैन की सदाएं गूंजती रहीं। हक और इंसानियत को बचाने के लिये अपनी जान कुर्बान करने वाले पैगंबरे इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन सहित कर्बला के शहीदों का गम मनाने के लिये अकीदतमंद बेकरार दिख रहे थे। कमालगंज के युवाओं ने आपस में चंदा करके दसवीं मोहर्रम के मौके पर लंगर का आयोजन किया। कमालगंज आजाद नगर से ताजिया निकलकर कस्बे में पहुंचकर मिठाई वाली गली होते हुए कमालगंज थाने के पास जा पहुंचे। सभी ताजिए वहां से चलकर कर्बला के लिए रवाना हुए। पैगंबर मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन की शहादत का प्रतीक मुहर्रम गमगीन माहौल में अकीदत के साथ मनाया गया। दसवीं का जुलूस निकालकर ताजिया को कर्बला में दफन किया गया।

ताजियों में ढोल बजने को लेकर आपस में ही भिड़े

कमालगंज। मुस्लिम समुदाय के लोग ताजियों में ढोल बजने को लेकर आपस में ही भिड़ गए। जिसमें मारपीट भी हो गई। मारपीट के दौरान फोन कहीं गिर गया। दोनों पक्षों के युवाओं को वहां पर मौजूद लोगों ने बीच बचाव कर शांत किया, लेकिन समाचार लिखे जाने तक माहौल गर्म बना हुआ है। घटना की सूचना पाकर पुलिस भी मौके पर पहुंच गयी। पुलिस हर गतिविधि पर अपनी पैनी नजर बनाये हुए है।

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