फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। 21वें मानव सम्मेलन श्री राम कथा की अमृतमयी वर्षा में दिल्ली से पधारी मानस विदुषी प्रीति रामायणी ने कहा वर्तमान समय में श्री राम कथा जीवन का आधार है। इससे श्रवण करने से जीवन की कथा व्यथा दूर हो जाती है, कष्ट मय जीवन में सुख शांति प्राप्त हो जाती है। भारतीय नारी का सदैव से सम्मान होता रहा है, नारी की अपेक्षा पश्चिमी देशों में हो रही है। उन्हें नारी सशक्तिकरण की आवश्यकता पड़ी। उन्होंने शंकर पार्वती का विवाह एवं श्री राम विवाह का अंतर बताया। भोलेनाथ की बारात में देवताओं के साथ उपेक्षित वर्ग भूत, प्रेत, नाग, बिच्छू, जीव-जंतुओं को अपनाया और सम्मिलित किया बाराती बनाया। शंकर पार्वती के विवाह में लोकगीत, मंगल गीत, सनातन रीति रिवाज को लोक संगीत के साथ सभी श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। कुमारी साधना शर्मा ने पहले श्री राम कथा और शंकर सती की कथा सुनाई। जिसमें त्रिया हठ करने से कथा प्रसंग में ब्रह्म की परीक्षा के लिए माता सती का रूप धारण किया। छल प्रपंच मैं उन्होंने अपने पिता के यहां आत्मदाह करना पड़ा। व्यक्ति को उसके कर्मों का फल अवश्य मिलता है। श्री राम कथा जीवन की प्रेरणा स्रोत है। पंडित सर्वेश कुमार शुक्ल रामायणी ने गोस्वामी तुलसीदास के रामचरितमानस जीवन में विपत्तिको दूर करती है, इसका अध्ययन चिंतन मनन करने की आवश्यकता है। श्रीराम कथा यही जीवन में प्रेरणा देती है। हमीरपुर से पधारे विद्वान अरिमर्दन शास्त्री ने गोस्वामी तुलसीदास के मानस में जयंत की कथा के द्वारा जीवन के मार्ग चित्रण का वर्णन किया। राम कथा के विराम के समय शकुंतला कनौजिया, शारदा सिंह, मधु गुप्ता, निर्मल सिंह, कुसुम, मीरा गुप्ता ने आरती उतारी। मानस सम्मेलन के आयोजक भारत सिंह ने सभी का स्वागत किया। राम कथा का संचालन संत कवि बृजकिशोर सिंह किशोर ने किया। सभी श्रोताओं को समय से आने के लिए आह्वान किया और कहां मानस सम्मेलन से मानव जीवन जीने की कला सिखाती है युवाओं को मानव मूल्यों संस्कारों का निर्माण करती है यही सम्मेलन के आयोजन का उद्देश्य है।
राजेश निराला राहुल कनौजिया संजय गुप्ता मनीष गुप्ताअमित गुप्ता मुकेश सिंह गुड्डू गगन अभिनव राम जी युवराज अंजुम दुबे बलराम बी डी शर्मा नेश्रोताओं भक्तों का स्वागत किया