अमृतपुर, समृद्धि न्यूज। वर्षों से संचालित आदर्श रामलीला परिषद अमृतपुर अपने उत्कृष्ट कार्यक्रम के लिए जानी और पहचानी जाती है। यह रामलीला जब से शुरू हुई तभी से इसमें गांव के रहने वाले किसान, मजदूर, व्यापारी, नौकरपेशा लोग अपनी सेवाएं देते आ रहे हैं। मंचन कार्यक्रम को पहले दिन और रात दोनों समय आयोजित किया जाता था, परंतु कुछ कारणों के चलते इस कार्यक्रम का मंचन दिन में रोक दिया गया। प्रतिवर्ष होने वाले इस कार्यक्रम में हजारों की तादाद में भीड़ शामिल होती है। राम झांकी बड़े ही सुनियोजित तरीके से भव्य रूप के साथ कस्बे के अंदर की गलियों से होते हुए गंतव्य तक रवाना की जाती है। 15 अक्टूबर 2024 का दिन राम बारात के लिए सुनिश्चित किया गया और इसमें परिषद के कलाकारों ने अपने योगदान को पूर्ण रूप से समाहित करते हुए ग्रामीणों के सहयोग से 12 रथों को भव्यता से सजाया गया। जिसमें श्रीराम के रूप में सक्षमए, करन अवस्थी को लक्ष्मण, कार्तिक शत्रुघ्न और किशन को भरत बनाया गया। शौर्य पाठक परशुराम, दशरथ अजय प्रताप उर्फ निक्कू, नारद प्रियांक बने। वशिष्ठ का रोल तेजस सक्सेना, भारत माता का सुंदर स्वरूप प्रांशी और लक्ष्मी के रूप में परी, चांदनी ने विष्णु, कृष्ण का स्वरूप दर्पण शुक्ला और राधा स्वयं राधा बन गई। आकाश पाठक ने हनुमान का स्वरूप धारण किया। इन स्वरूपों को भव्य रथों पर बिठाया गया और ग्राम प्रधान संजू तिवारी के साथ मेला अध्यक्ष रामदुलारे अवस्थीए, मुख्य संरक्षक भास्करदत्त द्विवेदी, व्यवस्थापक गोपाल सक्सेना, प्रशांत अवस्थी, मुख्य मेला प्रबंधक शैलेश अवस्थी, सहयोगी नीरज अवस्थी, प्रभात शुक्ला, महेशचंद्र अवस्थी, शाश्वत प्रकाश द्विवेदी साधन सहकारी समिति अमृतपुर अध्यक्ष, प्रशांत शर्मा विधानसभा संयोजक भाजपा आदि कमेटी ग्रामीण के संरक्षण में कस्बे के अंदर की गलियों में ग्रामीणों के लिए दर्शन हेतु घुमाया गया।
ढोल बाजे नगाड़ों के साथ भक्तगण साथ चल रहे थे। दूर दराज गांव जिसमें परतापुर, दौलतियापुर, नगला हूसा, करनपुरदत्त, बलीपट्टी, आसमपुर आदि गांवों के लोग भी राम बारात में शामिल हुए थे। कानून व्यवस्था को लेकर पुलिस फोर्स की कमान संभाले अमृतपुर क्षेत्राधिकारी रविंद्र नाथ राय, थाना अध्यक्ष मीनेश पचौरी के साथ राजेपुर पुलिस फोर्स भी चल रहा था और इसी के साथ पुलिस लाइन से भी अतिरिक्त फोर्स मंगाया गया था। पूजा पाठ आरती बंधन के साथ राम बारात गलियों में देर शाम से निकलनी शुरू हुई और यह प्रोग्राम घंटों तक चलता रहा। भारत दास बाबा के प्रतिष्ठित पूज्य स्थान से बारात ने प्रस्थान कर कस्बे की गलियों में भव्यता प्रदान करते हुए लोगों में कौतूहल और उल्लास पैदा करते हुए राम बारात और उनके बाराती साथ में चल रहे थे। कस्बे के ही निवासी मानसिंह काली माता का स्वरूप संभाले हुए अपने भूत प्रेतों की टोली के साथ आगे आगे चल रही थी। यह भव्यता देखते ही बन रही थी। कई घंटे के बाद बारात अपने गंतव्य की ओर बारात रवाना हुई और रामलीला मंचन कार्यक्रम स्थान पर पहुंचकर इसका समापन किया गया।