जब-जब धर्म की हानि हुई, तब-तब भगवान ने मानव रुप में लिया अवतार: राजकुमारी

फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। 21वें मानव सम्मेलन श्री राम कथा की अमृत वर्षा में महोबा से पधारी मानस माधुरी राजकुमारी ने कहा पृथ्वी पर जब-जब अत्याचार, बड़े धर्म की हानि होती है तब तब भगवान मानव के रूप में अपने भक्तों की रक्षा, धर्म की स्थापना, मानव कल्याण के लिए अवतार लेते हैं। चैत्र शुक्ल पक्ष नवमी शुभ मुहूर्त मधुमास में भगवान श्री राम का जन्म होता है। अयोध्या में खुशियां मनाई जाती है, मंगल गीत बधाई दी गई। आयोजन समिति के बृज किशोर सिंह किशोर, भारत सिंह, शकुंतला कनौजिया, शारदा सिंह, मधु गुप्ता, राहुल कनौजिया ने खुशियां मनायी और बधाई गीत गाये। आचार्य सर्वेश शुक्ला, पंडित अरविंद चतुर्वेदी, मंगलाचरण स्वास्तिक वाचन करते हुए सभी को आशीर्वाद दिया। आदित्य कुमार त्रिपाठी ने कहा श्रीमद् भागवत कल्पवृक्ष है, तुलसी रामचरित मानस, समग्र वेद पुराण, शास्त्रों के रसों का अमृत है, जिसमें मानव जीवन का सार है, जो भारतीय संस्कृति की धरोहर है। शारदा शर्मा ने कहा कि हनुमान जी महाराज के अष्ठ सिद्ध के दाता हैं, उनकी उपासना करने से मन वांछित फल मिलता है। अरिमर्दन शास्त्री ने सुमित्रा माता के चरित्र और पुत्र लखन लाल के कर्तव्य, धर्म परायण, राष्ट्रभक्त, समाजसेवा के रूप में वर्णन किया, धन्य है वह माता जो अपने पुत्र को ऐसे संस्कार देती है। प्रीति रामायणी गोस्वामी तुलसीदास के सुंदरकांड में हनुमान चरित्र वह धैर्यवान है, विवेकवान है। श्री राम कार्य में निपुणता के साथ लंका में कार्य किया, बड़े रोचक ढंग से प्रस्तुति दी। गीत संगीत के साथ भजन मधुर सीताराम-सीताराम के साथ भक्तजन भाव विभोर हो गए। इस अवसर पर गगन सिंह, अभिनव, रामजी, बलराम सिंह, युवराज सिंह, मुकेश सिंह, गुड्डू स्वरूप राजपूत, अजय राजपूत, चिंटू कनौजिया, चंदन सिंह, प्रशांत कुमार सिंह आदि लोगों ने व्यवस्था देखी।

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