तलैया लेन फतेहगढ़ इमामवाड़ा में मजलिस का हुआ आयोजन
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। मोहर्रम पर तलैया लेन फतेहगढ़ स्थित इमामवाड़े में मरहूम स्व0 सैय्यद सुल्तान अली की जानिव से आयोजित मजलिस में मौलाना जाकिर रजा रिजवी ने फरमाया इस्लाम, रोजा, नमाज व हुसैन व हुसैन को शख्सियत पर तफसील से रोशनी डाली। उन्होंने फरमाया कि हमारी पहचान नवी से है, हुसैन से है। उन्हें के सदके में सरियत कुरान मिला। नवी की जरुरत पड़ी तो हुसैन आये। हुसैन वाले बनने के लिए इंसान होना जरुरी है। उन्होंने कहा कि हुसैन इंसानियत का नाम है। इत्तहाद सिखाता है दरसल ईस्लाम इत्तहाद सिखाता है। करबला के मैदान में हुसैन के सजदे कयामत तक याद रहेगें। हुसैन से मोहब्बत करना है तो पहले नमाज पढऩा है। मौलाना तनवीर अब्बास ने कहा कि हुसैन की शख्सियत व उनके किरदार को पहचानो। ईस्लाम से मोहम्मद की पहचान करों। दरे मोहम्मद पर जो भी आया वह छोटा बनकर आया और छोटा बनकर पेश हुआ, वह बुलंदी पर गया। मजलिस के कार्यक्रम में शोरा हजरत ने अपने बेहतरीन कलाम पेश कर दाद पाई। सैय्यद जीशान अली ने अपने बेहतरीन अंदाज में सलाम पेश किया। रहता है जो जमाने में, हैदर से दूर-दूर होगा बेरोजे हस्र पैगम्बर से दूर-दूर। शायर सैय्यद फैजान अली ने खूबशूरत सलाम पेश किया कहां से लायेगी दुनिया हुसैन के जैसा। मजलिस के इंतजाम के बाद तबर्रुख तकसीम किया गया। इस मौके पर इसरार हुसैन, हाजी सैय्यद इरफान अली, सैय्यद फुरकान अली, इरशाद अली, ताज भाई, परवेज इसरार, फैजान अली, सैफ अली, मोहसीन अली, मुन्ना अली, शोएब अली, शाबिर अली, जैदी ब्रदर्स आदि लोग मौजूद रहे।