यज्ञ संसार का श्रेष्ठतम कर्म है: चन्द्रदेव शास्त्री

फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। मेला रामनगरिया के वैदिक क्षेत्र में आयोजित ज्ञान ज्योति महोत्सव में प्रति दिन की भांति प्रात:काल देव यज्ञ का आयोजन किया गया। जिसमें आहुतियां डालकर कल्पवासियों ने पुण्यलाभ अर्जित किया। पंजाब के मानसा से आये आचार्य महावीर शास्त्री ने वैदिक ऋचाओं से यज्ञ सम्पन्न कराया। शिविर के संचालक आचार्य चंद्रदेव शास्त्री ने अपने आशीर्वचन में यज्ञ के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा यज्ञ संसार का श्रेष्ठतम कर्म है। ब्रह्मा से लेकर जैमिनी पर्यंत ऋषियों ने हम मनुष्यों को यज्ञ का निर्देश दिया। परमपिता परमात्मा भी अपनी वाणी वेद में जीवात्मा के कल्याण के लिए यज्ञ की आज्ञा देते हैं। यज्ञ से बड़ा परोपकार का कोई साधन नहीं है। इसमें डाला हुआ सांकल्य सुगंधी का रूप धर वायु रूपी देवता पर सवार होकर सूर्यलोक तक जाता है तथा श्रष्टि के प्रत्येक प्राणी को लाभ पहुंचाता है। ये मेला राम के नाम से लगता है और श्रीराम का जन्म ही यज्ञ के यज्ञ की कृपा से हुआ था।

वैदिक क्षेत्र में प्रतिदिन यज्ञ और संध्या का आयोजन किया जाता है, ताकि सभी कल्पवासियों को राम से जोड़ा जा सके। मध्यान्ह की सभा मे प्रदीप शास्त्री ने ईस्वर भक्ति के गीत सुनाकर भक्तिरस की धारा प्रवाहित की। उनके गीत श्प्रभु प्यारे से जिसका संबंध है उसको हर दम आनंद ही आनंद है पर श्रोता भावविभोर हुए। हरियाणा से आए पं0 धनीराम बेधडक़ ने हरियाणवी रागनियों के माध्यम से अपने भक्तिमय विचार प्रस्तुत किये। कार्यक्रम में स्वामी महेन्द्रनानंद, आचार्य ओमदेव, डॉ0 रामकुमार कटियार, राजाराम आर्य, रामवीर आर्य, मंगलम आर्य, शिशुपाल आर्य, प्रवल आर्य, यज्ञप्रताप, उदयराज, रत्नेश द्विवेदी, अमृता पाण्डेय, उपासना कटियार, जयंती आर्या आदि उपस्थित रहे।

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