वर्ष 2020 में एनकाउंटर में ढेर हुआ था गौरी का बदमाश पिता
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। करथिया कांड का आरोपी सुभाष एनकाउंटर में ढेर हो गया था तथा उसकी पत्नी को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था। तत्कालीन आईजी कानपुर परिक्षेत्र मोहित अग्रवाल ने शातिर सुभाष बाथम की मासूम बच्ची गौरी को गोद लिया था। मंगलवार को गौरी का जन्म एसपी विकास कुमार ने पुलिस साथियों के साथ बड़ी धूमधाम से मनाया और गौरी को उपहार भी भेंट किया।
साल 2020 के 30 जनवरी को 23 बच्चों को घर में बंधक बनाने वाले आरोपी को जिस तत्कालीन आईजी मोहित अग्रवाल ने एनकाउंटर में मार गिराया था। अब उसकी बेटी को बोर्डिंग स्कूल में उन्होंने भेजा है। मृतक आरोपी की बेटी अपनी बुआ के यहां रह रही थी। इस दौरान उसका पूरा खर्च मोहित अग्रवाल ही दे रहे थे। अब जब बच्ची 6 साल की हो गई, तो उसका एडमिशन एक बोर्डिंग स्कूल में करा दिया गया। वहीं हर साल पुलिस उसका जन्मदिन भी मनाती है। मंगलवार को गौरी का जन्मदिन एसपी विकास कुमार ने पुलिस साथियों के साथ बड़ी धूमधाम से मनाया और गौरी को उपहार भी भेंट किया।
30 जनवरी 2020 की देर शाम को मोहम्मदाबाद कोतवाली क्षेत्र करथिया गांव में सुभाष बाथम और उसकी पत्नी रूबी ने गांव के ही 23 बच्चों को अपनी बच्ची के जन्मदिन के बहाने घर बुलाकर बंधक बना लिया था। यूपी के तत्कालीन डीजीपी ओपी सिंह अगले ही दिन रिटायर हो रहे थे। डीजीपी के निर्देश पर कानपुर के तत्कालीन आईजी मोहित अग्रवाल को फर्रुखाबाद भेजा गया था। मोहित अग्रवाल ने मौके पर पहुंच कर दो टीमें बनाई। पहली टीम की अगुवाई वह खुद कर रहे थे। दूसरी टीम ने मकान के मुख्य दरवाजे से बातचीत के बहाने आरोपी सुभाष बाथम को उलझा रखा था।
दूसरी तरफ मोहित अग्रवाल की टीम मकान का पिछला दरवाजा तोडक़र घर में घुस गयी। पिछला दरवाजा टूटते ही सुभाष ने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस की जबावी फायरिंग में सुभाष बाथम मारा गया। वहीं घर का मुख्य दरवाजा खोलकर रूबी बचने के लिए गांव की तरफ भागी। बंधक बने बच्चों के आक्रोशित परिजनों ने रुबी को पकडक़र पीट-पीटकर मारा डाला था। पुलिस ने रुबी को अस्पताल लेकर पहुंची। जहां चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया था। इस दौरान आरोपी की दो साल की बच्ची गौरी अनाथ हो गयी थी। आईजी मोहित अग्रवाल ने अनाथ बच्ची की जिम्मेदारी ली। मोहित अग्रवाल ने एक महिला कांस्टेबिल को उस बच्ची की देखभाल के लिए मनाया और गौरी को उसे सौंप दिया। छह महीने तक उस महिला कांस्टेबिल ने गौरी की देखभाल की। कुछ समय बाद मोहित अग्रवाल ने गौरी की बुआ को देखभाल के लिए दे दिया। गौरी का सारा खर्चा तब भी मोहित अग्रवाल उठाते रहे। अब गौरी छह साल की हो गई है। उसका दाखिला कानपुर के नामी बोर्डिंग स्कूल जीडी गोयनका में करवा दिया है। मोहित अग्रवाल वाराणसी के पुलिस कमिश्नर हैं।
पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने मंगलवार को अपने पुलिस साथियों के साथ गौरी का जन्मदिन केक काटकर मनाया। गौरी को उपहार भी भेंट किया।