फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 दलवीर सिंह की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन विश्व रैबीज दिवस मनाने हेतु किया गया।
जानकारी के अनुसार शनिवार को विश्व रैबीज दिवस है। बैठक में अवगत कराया गया कि कुत्ते, बंदर व सियार जैसे जानवरों से रैबीज की बीमारी फैलती है। मानव जंगलों को काट रहा है। फलत: जंगली जानवर मानवीय बस्तियों घुसकर काटते हैं व रैबीज फैलती है। इसलिए रैबीज के मरीज बढ़ रहे हैं। रैबीज वायरस तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। एअटोफोबिया, फोटोफोबिया व हाइड्राफोबिया इसके लक्षण हैं। उक्त लक्षण दिखने के पश्चात इलाज अत्यन्त मुश्किल हो जाता है। अत: हमें कुत्ते आदि जानवरों से दूर रहना चाहिए। हमें किसी भी जानवर को सोते समय व खाना खाते समय कदापि नहीं छेडऩा चाहिए। बिल्ली से भी रैबीज फैलती है। जानवर पालने वाले नगर पालिका में पंजीकरण अवश्य करवायें। काटने के पश्चात मानव को पांच डोज का कोर्स अवश्य करना चाहिए। पूर्व सावधानी के तौर पर हमें कुत्तों को रैबीजरोधी वैक्सीन लगवानी चाहिए। चिकित्सा विभाग व पशु चिकित्सा विभाग में सभी वैक्सीन उपलब्ध हैं। लगभग ३२ कुत्तों के मालिक प्रत्येक माह अपने कुत्ते को रैबीजरोधी वैक्सीन लगवाते हैं। जन सामान्य से अपील है कि प्रतिबंधित कुत्ते न पालें। कुत्ता आदि काटने पर घरेलू इलाज न करें। घाव को साबुन से धोकर चिकित्सक के पास जायें। आवारा कुत्तों से सावधान रहें। चिकित्सालयों में ए.आर.वी.नि:शुल्क व पशु चिकित्सालय में १०/- रुपये के शुल्क पर उपलब्ध है। बैठक में संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।