नगर पालिका की ओर से 299 स्थानों पर जलवाये जा रहे है अलाव

फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। शीतलहर को ध्यान में रखते हुए नगर पालिका परिषद ने नगर क्षेत्र में 299 स्थानों को चिन्हित कर अलाव जलवा रही है। जिन स्थानों पर नगर पालिका की ओर से अलाव जलवाये जा रहे है वह वो स्थान है जहां अधिकांश स्थानीय लोग या राहगीर एक स्थान पर काफी समय तक ठहरते है। अलाव जलने से गलन व हाडक़पाऊ सर्दी से लोगों को राहत मिलेगी। नगर पालिका की ओर से फर्रुखाबाद-फतेहगढ़ क्षेत्र में पूर्व में निर्धारित स्थानों के अलावा अलाव जलाने के लिए अन्य नये स्थानों को भी चिन्हित किया है। नगर पालिका अधिशासी अभियंता रविन्द्र कुमार ने बताया कि स्थानीय लोगों की मांग पर और स्थान बढ़ाये जायेंगे। प्रत्येक स्थान पर अलाव जलवाने के लिए पर्याप्त लकड़ी दी जा रही है। इसके लिए फतेहगढ़-फर्रुखाबाद क्षेत्र में चिन्हित अलाव स्थानों पर लकड़ी पहुंचाने के लिए अलग-अलग प्रभारी नियुक्त किये गये है। फर्रुखाबाद रोडवेज बस स्टैण्ड पर अलाव ताप रहे लोगों ने बताया कि सर्दी में इसका ही सहारा है, लेकिन लकड़ी कम है। सर्दी जिस तरह पड़ रही है उसके हिसाब से शाम तक अलाव जलना चाहिए, लेकिन लकड़ी कम होने की बजह से अलाव पूरे समय नहीं जल पा रहा है।
हड़ताल क्या हुई रैन बसेरा की चली गई रौनक
फर्रुखाबाद।
वाहन चालकों की हड़ताल समाप्त हो गयी, लेकिन बस अड्डे व रैन बसेरा में अभी तक रौनक नहीं लौटी। बीते दिनों हिट एंड रन कानून के विरोध में निजी वाहन चालकों के अलावा परिवहन विभाग के वाहन चालकों ने भी हड़ताल कर दी थी, लेकिन दूसरे दिन ही कानून को अभी लागू न किये जाने का सरकार की ओर से आश्वासन दिये जाने पर हड़ताल समाप्त हो गयी थी। हड़ताल से पहले जो बस अड्डे पर रौनक थी वह अब दिखायी नहीं दे रही है। नगर पालिका की ओर से बस स्टैण्ड पर दूर-दराज से आने वाले यात्रियों को रात गुजारने के लिए रैन बसेरा खोला गया है। हड़ताल से पहले रैन बसेरे में यात्रियों के रुकने की अच्छी संख्या देखी गई, लेकिन हड़ताल क्या हुई कि रैन बसेरे में सन्नाटा पसरा है। हड़ताल समाप्ति के तीसरे दिन भी रैन बसेरे में एक भी मुसाफिर नहीं दिखायी दिया। जबकि नगर पालिका की ओर से रुकने वाले मुसाफिरों के लिए रजाई गद्दा, जलपान की पूरी व्यवस्था कर रखी है, लेकिन उसके बावजूद रैन बसेरे में कोई दिखायी नहीं दे रहा है। इस संदर्भ में बस अड्डे पर कुछ लोगों ने बताया कि इसका मुख्य कारण है कि बाहर के डिपों की बसें नहीं आ रही है, जब बाहर से बसें आती है तो दूसरी जगह जाने वाले यात्री रात गुजारने के लिए यहां रुक जाते है, लेकिन बाहर से सवारी नहीं आ रही है तो कौन इसमें रुकें।

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